पंजाब के उद्योगों को मिली बड़ी राहत, सीएम कैप्टन अमरिंदर ने बिजली की सभी पाबंदियां हटाईं
Punjab Power Crisis बिजली संकट के कारण कट से परेशान पंजाब के उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के उद्योगों पर लगाई गई बिजली संबंधी सभी पाबंदियों को समाप्त कर दी है।
चंडीगढ़/पटियाला, जेएनएन। पंजाब के उद्योगों को बड़ी राहत मिली हैं। राज्य सरकार ने पंजाब के उद्योगों से बिजली संबंधी सभी पाबंदियां हटा ली है। तलवंडी साबो थर्मल प्लांट की बंद पड़ी बिजली उत्पादन यूनिटों में से एक के फिर शुरू होने और प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से बिजली की मांग घटी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य भर में बिजली संकट से निपटने के लिए उद्योगों पर लगाई सभी बिजली पाबंदियां तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए। मानसून में देरी के कारण कृषि और घरेलू क्षेत्र में बिजली की अप्रत्याशित मांग के कारण राज्य में बिजली संकट पैदा हुआ था।
ब्लर्ब-सेंट्रल व बार्डर जोन की इंडस्ट्री को पूरी क्षमता से चलने की अनुमति
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में बिजली की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को पाबंदियां हटाने के निर्देश दिए। इससे पहले पीएसपीसीएल के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) ए वेणुप्रसाद ने कहा था कि मध्य और सीमावर्ती क्षेत्रों में आने वाले जिलों के सभी औद्योगिक उपभोक्ताओं को आज से पूरी क्षमता से काम करने की अनुमति दे दी गई है। केवल कपड़ा, रसायन उद्योगों और कताई मिलों सहित 24 घंटे चलने वाली इंडस्ट्री को पहले से लागू प्रतिबंधों का पालन करना होगा।
तीन दिन बाद नए आदेश की होगी समीक्षा
इन दिशा-निर्देशों की तीन दिन बाद फिर से समीक्षा करके नए सिरे से फैसला लिया जाएगा। पंजाब में बिजली के 99,834 छोटे औद्योगिक उपभोक्ता और 30176 मध्यम वर्ग के उपभोक्ता हैं। इन पर घरेलू क्षेत्र में बिजली की बढ़ती मांग के बावजूद बिजली के प्रयोग संबंधी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी। बिजली की कमी को पूरा करने के लिए महज बड़ी सप्लाई वाले उपभोक्ताओं को दिन में 12 घंटे 100 केवीए का प्रयोग करने के लिए कहा गया था। इनकी संख्या में 5071 और वे 1000 केवीए एससीडी का प्रयोग करते हैं।
पावरकाम के प्रवक्ता ने बताया कि बड़ी सप्लाई वाली भट्ठियाें को महज पांच फीसद एससीडी तक सीमित किया गया था। इन भट्ठियों में से 282 राज्य में कार्यशील हैं। प्रवक्ता ने कहा कि तलवंडी साबो थर्मल प्लांट के काम न करने के बावजूद पावरकॉम ने एक जुलाई को सफलतापूर्वक 3066 लाख यूनिट की बिजली की मांग पूरी की थी। बिजली की मांग में 4500 मेगावाट की कमीमानसून के सक्रिय होने से प्रदेश में बिजली की मांग घट गई है। पहले मांग 13500 मेगावाट थी, जो सोमवार को 4500 मेगावाट घटकर 9000 मेगावाट रह गई है।