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चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व यूटी के बिजली कर्मियों का हल्ला बोल, निजीकरण के खिलाफ जताया रोष

बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ पंजाब हरियाणा हिमाचल व चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों ने चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन किया। कहा कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो वह बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन की ही होगी l

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 03:42 PM (IST)
चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व यूटी के बिजली कर्मियों का हल्ला बोल, निजीकरण के खिलाफ जताया रोष
चंडीगढ़ सेक्टर 17 में धरने पर बैठे बिजली कर्मचारी। जागरण

जेएनएन, चंडीगढ़। बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वीरवार को पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के कर्मचारियों ने एकजुट होकर सेक्टर 17 स्थित ग्राउंड में धरना दिया। इससे पहले पहले यूटी पावरमैन यूनियन डिपार्टमेंट के खिलाफ लगातार रोष प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन यह प्रदर्शन नॉर्थ इंडिया के विभिन्न एसोसिएशन ने मिलकर सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए अपनी मांगों को मनवाने के लिए किया।

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बता दें, चंडीगढ़ प्रशासन ने भी यूटी इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का निजीकरण करने का फैसला लिया है। नवंबर के आखिर तक डिपार्टमेंट को प्राइवेट करने के लिए टेंडर जारी हो जाएंगे। 2 दिन पहले ही पावर मिनिस्ट्री यूटी प्रशासन और ट्रांजेेक्शन कंसलटेंट डिलाइट के बीच में मीटिंग हुई थी। इसमें यह निर्णय लिया गया कि नवंबर के आखिर तक टेंडर डॉक्युमेंट्स तैयार कर जारी कर दिए जाएंगे। 

टेंडर जारी होने के बाद जैसे ही कोई कंपनी फाइनल होती है उसे इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की बागडोर सौंपी जाएगी। साथ ही एडवाइजर मनोज परीदा ने डिपार्टमेंट इंप्लाइज और कस्टमर के हितों को सुरक्षित रखने की बात भी कही थी, जबकि पावरमैन यूनियन प्रशासन के इस फैसले से कतई खुश नहीं है।

यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि अभी तक जो डिपार्टमेंट घाटे में होते थे उन्हें ही प्राइवेट हाथों में सौंपा जाता था, लेकिन इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट करोड़ों रुपये के मुनाफे में है। हर साल और रेवेन्यू बढ़ता है। बावजूद इसके डिपार्टमेंट को प्राइवेट किया जा रहा है जो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे इससे पहले गवर्नमेंट प्रेस को बंद कर उसके एंपलॉयर्स को दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट किया गया था, लेकिन वह अभी भी परेशानी झेल रहे हैं।  उनके साथ भी ऐसा ही होने वाला है।

कर्मचारिोयों को दूसरे डिपार्टमेंट में एडजस्ट करने की बात हो रही है, लेकिन इससे उनकी सीनियरिटी और दक्षता को नुकसान पहुंचेगा। टेक्निकल स्टाफ को दूसरे डिपार्टमेंट में कैसे एडजस्ट किया जा सकता है। कुछ को जबरन रिटायर करने की बात भी चल रही है। सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं दूसरे राज्यों में भी इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का यही हाल है, इसीलिए सभी ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। जोशी ने कहा कि अगर इस प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वह बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन की ही होगी l


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