अमरिंदर ने कहा- कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, आतंकवाद का काला दौर याद दिलाया
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है किे राज्य सरकार केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को पंजाब के आतंकवाद के काले दौर की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि युवा हथियार उठाएं।
चंडीगढ़, जेएनएन। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा की है कि पंजाब सरकार तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को यह कह कर चेतावनी भी दी कि भूख की लड़ाई सबसे बड़ी है। पंजाब पहले भी आतंकवाद के काले दिन को देख चुका है। वह नहीं चाहते कि युवा फिर से हथियार उठाए।
केंद्र को चेतावनी : भूख की लड़ाई सबसे बड़ी, नहीं चाहते युवा हथियार उठाएं
कैप्टन ने कहा कि यही नहीं प्रांतीय कानूनों में हर संभव संशोधन पर भी विचार किया जा रहा है। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री भी उपस्थित थे। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पहले भी अपनी फसल दूसरे राज्यों में बेच सकता था। होशियारपुर और अबोहर के किन्नू पूरे देश में बिकते हैं फिर यह कानून बनाने की क्या जरूरत थी।
कहा- जरूरत पड़ी तो राज्य के कानूनों में भी करेंगे बदलाव, किसानी को बर्बाद कर देंगे केंद्र के तीनों कानून
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अडानी और अंबानी के हितों की रक्षा के लिए ही काम कर रही है।पंजाब 12000 करोड़ का बोझ झेलने की हालत में नहींकैप्टन ने कहा, जीएसटी के तहत पहले ही पंजाब का 8000 करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन खत्म हो गया। नए एक्ट के तहत मंडी बोर्ड को मिलने वाली 4000 करोड़ रुपये की आय भी खत्म हो जाएगी। 12,000 करोड़ रुपये का बोझ पंजाब सरकार कैसे झेल सकती है।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार जीएसटी को लेकर संवैधानिक बातों को नहीं मनती है तो मौखिक रूप से कही जाने वाली बात की एमएसपी जारी रहेगी पर कैसे विश्वास किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बिल में जांच और संतुलन का पूरा ख्याल रखा गया था जबकि इस बिल में ऐसा नहीं है।
2 अक्टूबर से हस्ताक्षर अभियान: रावत
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर से देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। 14 नवंबर तक दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर करवाकर राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब को बचाने के लिए लिए साम-दंड-भेद जैसी नीतियों को अपनाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे।
किसानों की बेचैनी का फायदा उठा सकती है आइएसआइ
कैप्टन ने कहा कि पंजाब में पिछले कुछ महीनों में 150 आतंकवादियों को पकड़ा गया है। वहीं केंद्र सरकार के कृषि कानून से किसानों में बेचैनी पाई जा रही है। किसानों की इस बेचैनी का आइएसआइ फायदा उठाने की कोशिश करेगी। पहले ही 35 हजार जिंदगियां पंजाब में आतंकवाद का शिकार हुई हैं। ऐसे में यह कानून घातक सिद्ध हो सकते हैं।
हमें अकाली दल की जरूरत नहीं
शिअद के प्रमुख सुखबीर बादल की ओर से इस मामले में सभी को एक मंच पर आने की बात पर कैप्टन ने कहा कि उन्हें सुखबीर की जरूरत नहीं। पंजाब सरकार किसानों के लिए खुद लड़ने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि जब ऑर्डिनेंस लेकर आए गए तब हरसिमरत ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया।
यह भी पढ़ें: दो साल पूर्व UPSC परीक्षा व इंटरव्यू पास होने के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं, कैट पहुंची चंडीगढ़ की भव्या
यह भी पढ़ें: Punjab Politics:सिद्धू की सियासी हसरत तो हुई पूरी, बड़ा सवाल क्या 'गुरु' की भाजपा में होगी वापसी
यह भी पढ़ें: पंजाब में खिसकती जमीन बचाने को शिअद का आखिरी दांव, जानें गठजोड़ तोड़ने का असली कारण
यह भी पढ़ें: मांस से अलग हो गया नाखून.., दर्द दोनों को होगा, शिअद और भाजपा के संबंध के रहे कई आयाम
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें