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पंजाब में सरकारी कर्मचारी की जमीन पर पराली जली तो जारी होगी चार्जशीट

पंजाब में धान खरीद शुरू होने से पहले सख्त हिदायत जारी की गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की जमीन पर यदि पराली जलाई गई तो उसे चार्जशीट जारी की जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 03:51 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 09:16 AM (IST)
पंजाब में सरकारी कर्मचारी की जमीन पर पराली जली तो जारी होगी चार्जशीट
पंजाब में सरकारी कर्मचारी की जमीन पर पराली जली तो जारी होगी चार्जशीट

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पराली जलाने से बीते साल पूरे उत्तर भारत में विकराल हुई प्रदूषण की समस्या और एनजीटी की फटकार को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार इस साल सतर्क हो गई है। प्रदेश में पहली अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले सख्त हिदायत जारी की गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की जमीन पर यदि पराली जलाई गई तो उसे चार्जशीट जारी की जाएगी। कर्मचारी ने यदि धान खुद न पैदा कर जमीन ठेके पर दी है तो भी पराली जलने पर चार्जशीट जारी होगी।

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सरकार ने कहा है कि ठेके पर ली गई पंचायती जमीनों पर यदि किसानों ने पराली जलाई तो उन्हें आगे से जमीन नहीं दी जाएगी। कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू के मुताबिक ठेके पर जमीन देने के मामले में यह प्रावधान किया गया था कि पंचायती जमीन पर लगे धान की पराली को जलाया नहीं जाएगा, इसलिए अब कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जिन किसानों ने अपनी जमीन पर पराली को जलाया तो उनके गिरदावरी रजिस्टर में इस बात की रेड एंट्री की जाएगी कि इन्होंने पराली को जलाया है।

काहन सिंह पन्नू तंदरुस्त पंजाब मिशन के डायरेक्टर भी हैं। विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि पराली की समस्या को लेकर पीएमओ स्तर पर मानीटरिंग की जा रही है। उत्तर भारत में स्मॉग को रोकने के लिए पंजाब ने कड़े कदम उठाए हैैं। तीन दिन पहले इस संबंधी पीएमओ में मीटिंग हुई जिसमें पंजाब से एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विश्वजीत खन्ना भी शामिल हुए थे। केंद्र सरकार ने पराली की संभाल के लिए खरीदी जा रही मशीनरी को 50 से 80 फीसद सब्सिडी पर देने के लिए 650 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसमें से 280 करोड़ रुपये सरकार को मिल गए हैं।

मशीनों पर दी जा रही सब्सिडी

पन्नू ने बताया कि पराली को ठिकाने लगाने के लिए सुपर एसएमएस के अलावा हेपी सीडर, आरएमबी प्लो, पैडी स्ट्रा चॉपर आदि मशीनें किसानों और कोऑपरेटिव सोसायटियों को भारी सब्सिडी पर दी जा रही हैं। मशीनरी का किसानों पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसके लिए सरकार कोऑपरेटिव सोसायटियों और किसानों के ग्रुप को मशीनरी देने को ज्यादा प्राथमिकता दे रही है।

200 लाख टन पराली होगी पैदा

पंजाब में इस सीजन में 65 लाख एकड़ जमीन पर धान की रोपाई की गई है। प्रदेश में 200 लाख टन धान की पैदावार होने की उम्मीद है। लगभग इतनी ही पराली भी आएगी। ऐसे में इसे संभालना चुनौती भरा काम है। पन्नू ने बताया कि सरकार ने पराली जलाने वाले खेतों पर नजर रखने के लिए रिमोट सेंसर्स का सहारा लेने का फैसला लिया है। अगर किसान पराली बिना जलाए हैपी सीडर के साथ गेहूं की बोआई कर दें तो न केवल उनका खाद पर खर्च कम आएगा बल्कि गेहूं की पैदावार भी बढ़ेगी।

29 सितंबर व 12 अक्टूबर को स्कूलों में प्रतियोगिता

पराली जलाने के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के लिए प्रदेश के गांवों के सभी सरकारी स्कूलों में 29 सितंबर और 12 अक्टूबर को पोस्टर बनाने के साथ ही वाद विवाद प्रतियोगिता करवाई जाएगी। पन्नू ने कहा कि बच्चों का इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है।

मुश्किल हो जाता है सांस लेना

पराली को जिन दिनों में जलाया जाता है उन दिनों तापमान कम होता है। हवा नाममात्र चलती है। इसलिए पराली को जलाने से उठने वाला धुआं वहीं इकट्ठा हो जाता है। इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट और दीवाली के पटाखों से उठने वाला धुआं समस्या को और गंभीर बना देता है। लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। आंखों में जलन भी बढ़ जाती है। पिछले साल तो स्कूलों को बंद करना पड़ गया था।

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