Punjab financial crisis: गहराता जा रहा संकट, दस साल पहले 74,777 करोड़ रुपये था, अब 2,29,612 करोड़ का कर्ज
Punjab financial crisis दस साल पहले पंजाब पर कुल कर्ज 74777 करोड़ रुपये था लेकिन 2019-20 में इसके 229612 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। Punjab financial crisis: वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर बीते माह जिस तरह का पत्र मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा है, उससे यह तो साफ है कि स्थिति हाथ से निकलती जा रही है। दस साल पहले पंजाब पर कुल कर्ज 74,777 करोड़ रुपये था, लेकिन 2019-20 में इसके 2,29,612 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
सरकार को अपने सभी स्रोतों से प्राप्त होने वाली आय में 10,437 करोड़ रुपये का गैप है जिसको पूरा करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। आर्थिक संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग और अपने अन्य सीनियर अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। मीटिंग में सभी विभागों के खर्च को कम करने और आमदनी बढ़ाने के लिए जो आंकड़े पेश किए गए उसके अनुसार 5,230 करोड़ रुपये के बिलों की अदायगी की जानी अभी बाकी है।
केंद्र की ओर जीएसटी के 4100 करोड़ लंबित
केंद्रीय वित्तमंत्री ने बीते माह 2,228 करोड़ रुपये की जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि पंजाब को जारी कर दी, लेकिन दिसंबर की किश्त को मिलाकर केंद्र की ओर बकाया फिर से लगभग वहीं पहुंच गया है जहां दिसंबर के शुरू में था। केंद्र की ओर जीएसटी की कुल लंबित 4100 करोड़ रुपये की राशि में से 1400 करोड़ रुपये करों के बीच का गैप भी है। मनप्रीत बादल यह मुद्दा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के सामने उठा चुके हैं।
सरकार ने खर्च कम करने के लिए पेश किए कई सुझाव
बिजली सब्सिडी
सबसे बड़ा सुझाव बिजली सब्सिडी को रेशनलाइज करने का है क्योंकि वर्ष 2019-20 के लिए प्रस्तावित बिजली सब्सिडी 8969 करोड़ रुपये। इसके तहत तीन सुझाव दिए गए हैं। सिर्फ छोटे व मध्यम किसानों को सब्सिडी देने से 3402 करोड़ रुपये बचेंगे। बड़ी इंडस्ट्री को सब्सिडी बंद करने से 370 करोड़ रुपये और एससी-बीसी वर्ग को 200 की बजाय सौ यूनिट मुफ्त बिजली देने से 671 करोड़ रुपये बचेंगे।
अतिरिक्त वेतन
पंजाब पुलिस के कर्मचारियों को मिलने वाली एक माह की अतिरिक्त तनख्वाह बंद की जाए। इससे 312 करोड़ रुपये बचेंगे। पुलिस कर्मचारियों के काम करने के घंटे तय नहीं हैैं। ज्यादा ड्यूटी करने के कारण उन्हें एक माह की अतिरिक्त तनख्वाह मिलती है।
एनपीए
डॉक्टरों का एनपीए (नॉन प्रैक्टिस अलाउंस) बंद किया जाए। इससे 152 करोड़ रुपये बचेंगे।
भत्ता
कर्मचारियों को दिया जाने वाला मोबाइल भत्ता घटाया जाए जिससे 45 करोड़ रुपये बचने का अनुमान है।
अन्य खर्च
वेतन, पेंशन आदि को छोड़कर अन्य खर्चों में 20 फीसद कटौती की जाए। सभी विभागों की ओर से कैपिटल खर्च भी बीस फीसद कम किया जाए।
नए कार्य
वर्ष 2019-20 में किसी भी नए काम का आबंटन न हो।
इस साल देने हैैं तीस हजार करोड़
पंजाब सरकार को इस साल यानी वित्तीय वर्ष 2019-20 में मूल और ब्याज समेत कुल 30,309 करोड़ रुपये की राशि अदा करनी है।
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