पंजाब के वित्तमंत्री ने कोरोना की दवा सहित 56 वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स को लेकर उठाए सवाल, केंद्र काे पत्र
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कोरोना की दवा सहित 56 वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाए जाने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। वह यह मामला जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी उठाएंगे।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने कोरोना के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाओं सहित अन्य वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाए जाने को लेकर सवाल उठाया है। बादल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टैक्स में कटौती की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री को पांच पेज का पत्र लिखने के साथ ही दवाओं व 56 वस्तुओं सूची भी भेजी है। मनप्रीत ने यह पत्र शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पूर्व लिखकर साफ कर दिया है कि यह मामला इस बैठक में भी उठाने पर बल दिया है।
मनप्रीत बादल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख टैक्स में कटौती की मांग की
मनप्रीत बादल के अनुसार, इन सभी वस्तुओं पर 20 फीसद बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी),18 फीसद जीएसटी और दो फीसद सामाजिक सुरक्षा सरचार्ज लगाया जा रहा है और इसके बारे में उन्होंने केंद्रीय वित्तमंत्री को अवगत करवाया है। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक के एजेंडे में महामारी से लड़ने संबंधी कोई भी आइटम (प्रस्ताव) शामिल नहीं है।
मनप्रीत बादल ने जीएसटी काउंसिल को लेकर सुधार की जरूरत पर भी बल दिया है। उन्होंने इस बात पर भी एतराज जताया कि पांच साल बीतने के बावजूद जीएसटी काउंसिल का न वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है और न ही विवाद निवारण मैकेनिज्म बनाया है। मनप्रीत ने 2022 तक राज्यों को मिलने वाली मुआवजा राशि का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने कहा कि अभी तक इसका कोई हल निकालने के बारे में बात नहीं की गई है।
इन वस्तुओं पर टैक्स कम करने का मुद्दा उठाया
मनप्रीत बादल ने अपने पत्र में कोरोना के इलाज में प्रयोग होने वाली वस्तुओं गारमेंट्स, डिजिटल थर्मामीटर, लैब सैनीटाइजर, पेपर बेड शीट्स और आक्सीजन के लिए रोड ट्रांसपोर्ट टैंक पर लगे 18 फीसद जीएसटी, रेमडेसिविर, आइवरमेसिन सहित अन्य दवाओं पर लगे 12 से 18 फीसद जीएसटी, टेस्ट किट, वैक्सीन, वेंटीलेटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर, मेडिकल आक्सीजन पर 12 फीसद जीएसटी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि इसमें कमी किए जाने की जरूरत है। इन मुद्दों को बैठक के एजेंडे में शामिल किया जाए।
कहा- जीएसटी काउंसिल मूक दर्शक बन गई है
मनप्रीत बादल ने अफसरों के माध्यम से जीएसटी काउंसिल का काम करने पर भी ऐतराज जताते हुए कहा कि हमें जो एजेंडा भेजा गया है वह केवल काउंसिल के फैसलों की जानकारी के लिए है न कि मंजूरी के लिए। उन्होंने इसे अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल मूक दर्शक बनकर रह गई है। यह गलत प्रथा है। उन्होंने सात ऐसे फैसलों का जिक्र भी किया जिसके बारे में काउंसिल की मंजूरी नहीं ली गई है। मनप्रीत ने कहा कि इन्हें अलग एजेंडे में लाकर काउंसिल से मंजूर करवाया जाए।
बोले- बदला जाए काउंसिल का स्ट्रक्चर
मनप्रीत ने काउंसिल के स्ट्रक्चर में बदलाव लाने की मांग करते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने से पंजाब को नुकसान हुआ है। हम अपना पर्चेस टैक्स छोड़कर जीएसटी लागू करने के लिए देश के साथ खड़े हुए, लेकिन कई राज्य अब भी पुराने टैक्स कलेक्शन के मुकाबले में खड़े नहीं हो पा रहे हैं। इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की जा रही कि 2022 के बाद यह राज्य अपने खर्चे कैसे पूरे कर पाएंगे।
यह भी पढ़ें: पंजाब कांग्रेस की कलह पर आलाकमान की चुप्पी का क्या है राज, जानें मामले में राहुल गांधी 'कनेक्शन'
यह भी पढ़ें: रेल का सफर हुआ तेज, 26 ट्रेनों की स्पीड 130 किमी तक बढ़ी, चार की गति 28 से बढ़ेगी
हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें