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पंजाब के किसान जीरकपुर और मुल्लांपुर से भी चंडीगढ़ में हुए दाखिल, बॉर्डर पर कम पड़ गई पुलिस

जब किसान चंडीगढ़ में दाखिल हो गए तो चंडीगढ़ पुलिस ने जिन बार्डरों पर पुलिस की भारी तैनाती कर रखी थी वहां से भी जवानों को चंडीगढ़ के राजभवन की ओर बुलाया गया। इस कारण चंडीगढ़ की सीमाओं पर पुलिस जवान कम हो गए।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 03:23 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 03:23 PM (IST)
पंजाब के किसान जीरकपुर और मुल्लांपुर से भी चंडीगढ़ में हुए दाखिल, बॉर्डर पर कम पड़ गई पुलिस
जीरकपुर चंडीगढ़ बार्डर पर किसानों को रोकने के लिए की गई बैरिकेडिंग और तैनात पुलिस जवान।

रोहित कुमार, मोहाली। पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को ज्ञापन देने के लिए 32 किसान जत्थेबंदियों के नुमांइदें अलग-अलग बॉर्डरों से चंडीगढ़ में दाखिल हुए। पंजाब के किसान जीरकपुर, मुल्लांपुर बैरियर, अजीत टोल प्लाज से चंडीगढ़ में घुसे। चंडीगढ़ में जाने के लिए मोहाली और पंचकूला से कई जगह से एंट्री है।

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चंडीगढ़ राजभवन की तरफ जाने से पहले किसानों को फेज-8 स्थित गुरुद्वारा अंब साहिब पहुंचाना था। लेकिन कई किसान अंब साहिब नहीं पहुंच सके क्योंकि चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें दाखिल नहीं होने दिया। लेकिन जब किसान चंडीगढ़ में दाखिल हो गए तो चंडीगढ़ पुलिस ने जिन बार्डरों पर पुलिस की भारी तैनाती कर रखी थी वहां से भी जवानों को चंडीगढ़ के राजभवन की ओर बुलाया गया। इस कारण चंडीगढ़ की सीमाओं पर पुलिस जवान कम हो गए और किसानों ने छोटे छोटे समूहों में चंडीगढ़ में प्रवेश किया और राजभवन की तरफ चलने लगे।

हालांकि चंडीगढ़ पुलिस ने 13 एंट्री प्वाइंट को बंद करने का एक नोटिस निकाला था। लेकिन बाद में इस वापस ले लिया गया। चंडीगढ़ पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए वाइपीएस चौक पर पुख्ता व्यवस्था कर रखी थी। लेकिन जैसे ही किसानों पुलिस की इस घेराबंदी को तोड़ कर चंडीगढ़ में दाखिल हुए। सेक्टर-43 के बस स्टैंड चौक से किसान अलग अलग रास्तों पर होकर राजभवन की ओर से बढ़ने लगे। जिस कारण चंडीगढ़ पुलिस को किसानों को रोकने में काफी मशक्त करनी पड़ी।

उधर, किसान नेता रुलदू सिंह ने कहा कि आज के दिन इंदिरा गांधी की तरफ से इमरजेंसी लगाई गई थी। उसे याद करते हुए यह मोर्चा निकाला जा रहा है। लेकिन अब समय थोड़ा बदल गया है अब अघोषित इमरजेंसी है।  भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के प्रधान बूटा सिंह बुर्जगिल, सीनियर उपाध्यक्ष मनजीत सिंह धनेर, गुरमीत सिंह भट्टीवाल और महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला गुरुद्वारा अंब साहिब मोहाली में पहुंचे। संयुक्त किसान मोर्चा के जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि इमरजेंसी के समय नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश लगा था। इस समय भी ऐसा ही अंकुश लगाया जा रहा है। सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से जो किसानों पर पानी का बौछारें की गईं। यह कार्रवाई इसलिए की गई ताकि किसान उग्र हो जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष ऐसे ही जारी रहेगा।


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