पंजाब इंजीनियरिंग कालेज को जल्द मिल सकता है NIT का दर्जा, चंडीगढ़ प्रशासन ने मांगा प्रस्ताव
यूटी प्रशासन पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक) को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (एनआइटी) या अन्य सेंट्रल इंस्टीट्यूट का दर्जा देने के लिए राजी हो गया है। पेक की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के बाद अब यूटी प्रशासन ने दोबारा प्रस्ताव मांगा है।
चंडीगढ़, वैभव शर्मा। पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक) कई सालों से इस जद्दोजहद में लगा है कि किसी तरह से संस्थान को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (एनआइटी) या अन्य सेंट्रल इंस्टीट्यूट का दर्जा मिले। अब लग रहा है कि पेक का यह सपना बहुत जल्द पूरा होने वाला है। यूटी प्रशासन पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक) को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (एनआइटी) या अन्य सेंट्रल इंस्टीट्यूट का दर्जा देने के लिए राजी हो गया है। पेक की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के बाद अब यूटी प्रशासन ने दोबारा प्रस्ताव मांगा है।
नए प्रस्ताव में पेक आइआइटी व एनआइटी की सुविधाओं व बजट का आंकलन करते हुए रिपोर्ट बनाएगा, दस दिन में यह रिपोर्ट तैयार होगी। इसी माह में इस प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन होगा और जनवरी में यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास पहुंचेगा। संभावना है कि यह योजना जल्द ही सफल होगी। हालांकि इस कार्य में काफी परेशानी भी आने वाली है और काम आसान नहीं है, लेकिन यूटी प्रशासन व पेक दोनों ही संस्थान केंद्र सरकार तक पैरवी करेंगे।
इस तरह होना था लाभ
पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चाहता है कि उसको एनआइटी या सेंट्रल इंस्टीट्यूट में से किसी एक का दर्जा मिले। इससे पेक का विकास अधिक होगा। बजट का अभाव नहीं होगा। बजट सीधे केंद्र सरकार से आएगा। शिक्षकों की भर्ती हो या फिर भवन का निर्माण, यह सब काम आसान हो जाएंगे। इसके साथ ही शिक्षा का स्तर भी और सुधरेगा। पेक की पहचान देश दुनिया में और बढ़ेगी। रैंकिंग से लेकर कई स्तरों पर सुधार होगा।
पेक के पास है 200 एकड़ का कैंपस
इस साल पेक प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार किया था कि उसे एनआइटी बना दिया जाए। उसके पास लगभग 200 एकड़ का पर्याप्त कैंपस है। विशाल भवन है। शिक्षा गुणवत्ता के अलावा अन्य मानक भी पूरे हैं। शिक्षकों की संख्या 110 है। बाकी लगभग 100 शिक्षक और चाहिए। इसकी पूर्ति एनआइटी बनने से होगी। इन सभी को ध्यान में रखते हुए पेक ने यह प्रस्ताव यूटी प्रशासन को भेजा था। उस समय कोरोना की दस्तक हो गई और लगभग आठ माह बीत गए।
दस दिन का मांगा समय
यूटी प्रशासन ने आठ माह पुराना भेजा प्रस्ताव पढ़ा और उसके बाद अब पेक को वापस भेजा है। इसमें कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट में क्या-क्या अपडेट हुए हैं, यह शामिल कर दें। देश के अन्य एनआइटी आदि के बजट व सुविधाओं का भी उल्लेख कर दिया जाए ताकि चीजें आसानी से समझ में आ सकें। पेक प्रशासन ने प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए दस दिन का समय मांगा है। उम्मीद की जा रही है कि पेक के विद्यार्थियों, शिक्षकों को बड़ा लाभ मिल सकता है।