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सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों पर मेहरबान हुई सरकार, पत्रकारों को भी मिला तोहफा

सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों व पत्रकारों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को एक फरवरी, 2019 से 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का एलान किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 04:37 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 08:58 PM (IST)
सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों पर मेहरबान हुई सरकार, पत्रकारों को भी मिला तोहफा
सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों पर मेहरबान हुई सरकार, पत्रकारों को भी मिला तोहफा

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों व पत्रकारों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को एक फरवरी, 2019 से 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का एलान किया है। सरकार के इस फैसले से 3.25 लाख कर्मचारी व 3 पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। इस फ़ैसले के साथ सरकारी खजाने पर सालाना 720 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा।

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वित्तीय तंगी के बावजूद कर्मचारियों व पेंशनरों के कल्याण को यकीनी बनाने के लिए अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी राज्य प्रशासन की अहम कड़ी हैं। उनके हित सुरक्षित रखने सरकार की प्राथमिकता है।

वहीं, पंजाब सरकार ने पंजाब सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने उनके लिए पेंशन स्कीम शुरू करने की घोषणा की है। सरकार पत्रकारों को 12000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मीडियाकर्मियों द्वारा आम लोगों तक सूचना और जानकारी पहुंचाने के लिए निभाई जाने वाली भूमिका को अहमीयत देते मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकारों के लिए पैंशन स्कीम की मंजूरी दी गई है। इसकी अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी।

पेंशन स्कीम के तहत वही पत्रकार योग्य होंगे जिनकी उम्र 60 साल से कम न हो। इसके अलावा वह लगातार 20 साल तक पंजाब के सूचना और लोक संपर्क विभाग की तरफ से मान्यता प्राप्त हों। योग्यता के अंतर्गत यह भी अनिवार्य होगा कि पत्रकार के खिलाफ कोई अपराधिक मामला लंबित न हो।

सरकारी मुलाजिमों को बेवकूफ बना रही कांग्रेस: सुखबीर

उधर, शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने कैबिनेट द्वारा डीए की एक किश्त मंजूर करने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि डीए की चार किश्तों का चार हजार करोड़ रुपये बकाया है, यही नहीं, कांग्रेस सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। ठेके पर भर्ती किए गए कर्मचारियों को पक्का करने के लिए सरकार अब आनाकानी कर रही है।

डीए की किस्त जारी करने के लिए कैबिनेट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए अकाली दल के प्रधान ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव के मौके कर्मचारियों को बेवकूफ बनाने के लिए किया गया चुनाव स्टंट है। उन्होंने कहा कि सरकार इससे पहले इसी तरह का भ्रम किसानों और नौजवानों को कर्ज माफ करने और घर-घर नौकरी देने का वादा करके कर चुकी है। सच्चाई तो यह है कि कांग्र्रेस ने सरकारी कर्मचारियों की कोई भी बड़ी मांग पूरी नहीं की है।

पेंशन योजना में डेस्क कर्मचारी भी हों शामिल

सुखबीर बादल ने पत्रकारों को 12 हजार रुपये की पेंशन का दायरा बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इसमें न केवल डेस्क के कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए बल्कि पेंशन लेने के हकदार पत्रकारों का अनुभव 20 साल से कम करके 10 साल किया जाए। उन्होंने कहा कि पेंशन की राशि 12 हजार से बढ़ाकर 24 हजार रुपये की जाए।

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