पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा दिखा रहे खास सक्रियता, राजा वड़िंग व आशू भी एक्शन में
पंजाब में चन्नी मंत्रिमंडल के गठन को दो हफ्ते हो गए हैं। ऐसे में कुछ मंत्रियों ने खास सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पहले ही सक्रिय हो चुके हैं। आशू व वड़िंग भी सक्रियता दिखा रहे हैं।
इंद्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट में 26 सितंबर को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से मंत्रियों में केवल अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग व भारत भूषण आशू ही फील्ड में कार्रवाई करते दिखे हैं। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मुख्यमंत्री के साथ 22 सितंबर को ही शपथ ले ली थी। वह भी खूब सक्रिय नजर आ रहे हैं।
गृह विभाग मिलते ही पहली बार किसी ने पुलिस मुख्यालय में औचक जांच की। इस जांच में ज्यादातर अफसर और कर्मचारी गायब मिले, लेकिन रंधावा ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने अफसरों व कर्मचारियों को समय पर आने की चेतावनी दी। गुलाबी सुंडी के मालवा की कपास पट्टी पर हमले को लेकर भी सबसे पहली मीटिंग उन्होंने की और वह कपास पट्टी का दौरा करने भी गए। सुरक्षाकर्मियों की कटौती करने की मीटिंगें हों या सहकारिता विभाग में नए प्रोडक्ट लांच करने के कार्यक्रम रंधावा सबसे ज्यादा सक्रिय दिखे हैं।
साढ़े चार साल पहले कांग्रेस के नेता सत्ता में आने के लिए हर तरह का माफिया खत्म करने के दावे कर रहे थे, इनमें एक ट्रांसपोर्ट माफिया भी है। ट्रांसपोर्ट महकमा संभालते ही अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने विभाग के अफसरों के साथ मीटिंग की और पता किया कितने ट्रांसपोर्टरों ने टैक्स भरे बिना बसें चलाना जारी रखा हुआ है। अचानक उन्होंने एक दिन कार्रवाई करते हुए इन बसों को बंद करवा दिया है। यही नहीं बस अड्डों में किए गए कब्जों को छुड़वाना शुरू किया।
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू भी काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। उन्होंने पिछले साल की तरह इस साल भी अन्य राज्यों से सस्ती कीमत पर आए धान को कंट्रोल करने के लिए काम शुरू किया है। अब तक पांच अलग अलग जगहों पर केस दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसा नहीं है कि अन्य मंत्री काम नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे अभी विभागीय अफसरों के साथ बैठकों में व्यस्त हैं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत ने हर आइटीआइ को बडे़े औद्योगिक घराने को मालिक को उसका डायरेक्टर बनाने की योजना पर काम करना शुरू किया है, ताकि वे न केवल अपनी कंपनी का सीएसआर फंड संबंधित आइटीआइ के विकास पर लगाएं, बल्कि कंपनी में काम करने योग्य स्किल पैदा करने वाले कोर्स शुरू करवाकर उन्हें अपने यहां रोजगार दें। कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने भी गुलाबी सुंडी आदि को लेकर बैठकें शुरू कीं।