पंजाब कांग्रेस के सेकेंड लाइन के नेताओं के तेवर हुए आक्रामक, कैप्टन अमरिंदर पर साध रहे निशाना
Punjab Congress पंजाब कांग्रेस की दूसरी पंक्ति के नेताओं के तेवर आक्रामक हो गए हैं। वे हाई कोर्ट के फैसले की आड़ में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर जमकर निशाने साध रहे हैं। नवजाेत सिंह सिद्धू व प्रताप सिंह बाजवा के बाद अब रवनीत सिंह बिट्टू के तेवर आक्रामक हैं।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में विधान सभा चुनाव भले ही अगले वर्ष होने हो लेकिन कांग्रेस पार्टी के सेकेंड लाइन के नेताओं में इसे लेकर गर्माहट दिखाई दे रही है। कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर एसआइटी की रिपोर्ट खारिज करने व नई एसआईटी बनाकर जांच करवाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद विपक्ष से ज्यादा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने नेताओं के बीच घिरते जा रहे है। कांग्रेस की सेंकेंड लाइन के नेताओं को हाईकोर्ट के फैसले के आड़ में मुख्यमंत्री पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है, कांग्रेस सरकार कोटकपूरा, बहबल कलां कांड की जांच को अंजाम तक पहुंचाएगी।
बाजवा, सिद्धू के बाद अब बिट्टू ने भी दिखाई आंखे बचाव में आए सुनील जाखड़
कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा एजी अतुल नंदा को लेकर मुख्यमंत्री को घेर रहे है तो नवजोत सिंह सिद्धू फैसले के तीन दिन बाद बुर्ज जवाहर सिंह पहुंच गए थे। जहां से बेअदबी कांड की शुरूआत हुई थी। सिद्धू ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाया। साथ ही वह नशे के मुद्दे पर भी एसटीएफ की ओर से दी गई रिपोर्ट के बारे में बोलना नहीं भूले। एसटीएफ की सीलबंद रिपोर्ट पिछले तीन वर्ष से हाई कोर्ट में पड़ी है।
सिद्धू के बाद अब कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने एसआइटी की रिपोर्ट खारिज होने व नई एसआइटी बनाने के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है। बिट्टू ने फेसबुक पर लाइव होकर जहां मुख्यमंत्री को बेअदबी कांड के दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने बादलों को इस घटना के लिए दोषी मान रखा है। अत: उनके विरुद्ध एफआईआर करके उन्हें सलाखों के पीछे करना चाहिए। क्योंकि अब सरकार के कामकाज के लिए महज 6 माह का समय रह गया है। यह ही नहीं बिट्टू ने भी ड्रग्स वाला मामला उठाया कि हरप्रीत सिद्धू की रिपोर्ट अभी तक कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में पड़ी है। कांग्रेस सरकार में रिपोर्ट तो आती है लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं की जाती है। आखिर ऐसा क्या होता है रिपोर्ट में।
कोटकपूरा गोली कांड को लेकर एसआइटी की रिपोर्ट को हाईकोर्ट द्वारा खारिज किया जाना 2022 में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद से ही जहां शिरोमणि अकाली दल में उर्जा का संचार हो गया है, वहीं कांग्रेस में खाली हलचल पैदा हो गई है। यही कारण है कि कांग्रेस के सेकेंड लाइन ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह हमला करना शुरू कर दिया है। वहीं, जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री की काबिलियत व सामर्थ्य पर शक नहीं होना चाहिए। कांग्रेस सरकार कोटकपूरा, बहबल कलां कांड की जांच को अंजाम तक पहुंचाएगी।
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