कृषि कानूनों विरोध में पंजाब कांग्रेस का चंडीगढ़ में प्रदर्शन, राजभवन कूच नहीं कर सके कांग्रेसी
Punjab Congress protest केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया। उनका कार्यक्रम राजभवन घेराव का था लेकिन पुलिस ने उन्हें कांग्रेस भवन के निकट ही रोक दिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर पंजाब राजभवन का घेराव करने निकले कांग्रेस के नेताओं को पुलिस ने कांग्रेस भवन के पास ही बैरिकेट्स लगाकर रोक दिया। कांग्रेसियों ने बैरिकेट्स के पास करीब एक घंटे तक नारेबाजी की। इस दौरान किसी भी कार्यकर्ता ने बैरिकेट को न तो तोड़ने की कोशिश की और न ही कोई जोरआजमाइश की। बाद में पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने प्रदर्शन को खत्म करने का एलान करते हुए कहा, यह संघर्ष जारी रहेगा। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन खत्म होने पर चंडीगढ़ पुलिस ने भी राहत की सांस ली, जबकि पुलिस ने वाटर कैनन की दो मशीनेंं व बड़ी संख्या में जवान तैनात किए थे।
इससे पूर्व, कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जाखड़ ने कहा कि मसला अब किसानी का नहीं रह गया। यह धर्मयुद्ध बन गया है। उन्होंने कहा जिस प्रकार से कोरोना को खत्म करने के लिए वैक्सीन की जरूरत है उसी प्रकार से केंद्र की हठधर्मिता वाली सरकार के लिए भी वैक्सीन की जरूरत है। वह वैक्सीन है लोकतंत्र। चाहे आने वाले निकाय चुनाव होंं या 2022 के विधानसभा चुनाव या फिर 2024 का लोक सभा चुनाव। जाखड़ ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था। अब वह इससे आगे बढ़ गए हैंं। वह किसान मुक्त, आजादी मुक्त भारत बनाने पर तुली है।
इससे पहले कांग्रेसी नेताओं ने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी। मनप्रीत बादल ने अपने संबोधन में राम प्रसाद बिसमिल के गीत सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है का जिक्र करते हुए कहा कि एक दिन वह भी आएगा जब बीजेपी राज का खात्मा हो जाएगा। वहीं, अमृतसर से कांग्रेसी विधायक सुनील दत्ती ने पंजाब में निवेश पर चिंता जाहिर की। यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान बरिंदर सिंह ढिल्लों आक्रामक रूप से कहा कि पंजाब में अपनी सरकार है, अपना मुख्यमंत्री है। भाजपा नेताओं को नजरबंद कर देना चाहिए।
युवा नेता द्वारा सवाल उठाए जाने पर जाखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि जिस प्रकार से बेअदबी होने पर लोगों ने अकाली नेताओं को अपनेआप ही घर में नजरबंद कर दिया था उसी प्रकार लोग इन नेताओं को भी नजरबंद कर देंगे। क्योंकि पंथ और किसानी के नाम पर राजनीति करने वाली शिरोमणि अकाली दल ने पंथ के बाद किसानों की पीठ में छुुरा घोंपा है। प्रधानमंत्री को नए कानून की सलाह देने वालों में यह लोग भी शामिल थे। यह अलग बात है कि अपनी लगाई आग में इनके भी हाथ जलने लगे।
उन्होंने कहा कि अकाली दल और भाजपा दिखावे के लिए भले ही अलग हो, लेकिन है एक साथ ही। जाखड़ ने इसी मौके पर कह दिया कि कांग्रेस यह लड़ाई उसी शांति से लड़ेगी जैसा सिंघू बार्डर पर किसान लड़ रहे हैंं। उन्होंने कहा, धर्म की एक लड़ाई कुरुक्षेत्र में लड़ी गई थी और एक लड़ाई सिंघूू बार्डर पर लड़ी जा रही है। इस मौके पर कांग्रेस सांसद परनीत कौर, अमर सिंह, मो. सदीक के अलावा, कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, भारत भूषण आशु, बलबीर सिंह सिद्धू, सुंदर शाम अरोड़ा, साधू सिंह धर्मसोत, गुरप्रीत कांगड़ आदि भी मौजूद थे।