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पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष जाखड़ बोले- पार्टी खींचे लक्ष्मण रेखा, ताकि कोई उसे पार करने की हिम्मत न कर सके

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने हाईकमान से मांग कर दी है कि एक लक्ष्मण रेखा खींच दी जाए ताकि फिर कोई उसे पार करने की हिम्मत न कर सके।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 09:57 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 09:58 AM (IST)
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष जाखड़ बोले-  पार्टी खींचे लक्ष्मण रेखा, ताकि कोई उसे पार करने की हिम्मत न कर सके
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष जाखड़ बोले- पार्टी खींचे लक्ष्मण रेखा, ताकि कोई उसे पार करने की हिम्मत न कर सके

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। कांग्रेस में लैटर बम के बाद भले ही पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथ में ही रही, लेकिन दिल्ली की इस घटना का असर आने वाले समय में पंजाब पर साफ-साफ दिखाई देगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल की परेशानी बढ़ सकती है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने पार्टी हाईकमान से मांग कर दी है कि एक लक्ष्मण रेखा खींच दी जाए, ताकि फिर कोई उसे पार करने की हिम्मत न कर सके। जाखड़ का यह बयान तब आया है जब कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अंबिका सोनी पत्र लिखने वाले नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर चुकी हैं।

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बता दें, पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर पक्ष लिखने वाले 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में पंजाब के दो नेता मनीष तिवारी और राजिंदर कौर भट्ठल शामिल थे। जाखड़ ने कहा कि राजिंदर कौर भट्ठल से इस प्रकार की उम्मीद नहीं थी। क्योंकि वह पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं और मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी है। जाखड़ ने सोनिया गांधी का नाम लिए बगैर ट्वीट किया 'मेरे दिल में किसी के लिए कोई दुर्भावना नहीं है। जो हो गया वो हो चुका है। ऐसा कहना के लिए बड़े दिल और परिपक्वता की जरूरत होती है। वो भी आलोचना सुनने व झेलने के बाद। लीडरशिप इसी का नाम है।'

खास बात यह है कि 'लैटर बम' सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ और फिर ब्रह्म मोहिंद्रा गांधी परिवार के समर्थन में आ गए थे। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के एक बड़े वर्ग में इस बात को लेकर गुस्सा है कि पत्र लिखने वालों में पंजाब के दो नेता शामिल हैं।

कांग्रेस सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में भट्ठल की परेशानी बढ़ सकती है, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने भट्ठल को एडजस्ट करने के लिए न सिर्फ उन्हें चेयरपर्सन बनाया बल्कि कैबिनेट ने उनकी कोठी का 80 लाख रुपये किराया भी माफ किया। जिसे लेकर कांग्रेस को हमेशा ही विपक्ष की आलोचना सहन करनी पड़ती है।

वहीं, जाखड़ अभी मनीष तिवारी के संबंध में कुछ नहीं बोल रहे है, परंतु जिस समय राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो ने जहरीली शराब मामले में सीबीआइ जांच की मांग की थी तो जाखड़ पहले नेता थे, जिन्होंने इन दोनों राज्यसभा सदस्यों को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की थी। अब जाखड़ की लक्ष्मण रेखा खींचने की मांग को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि बाजवा और दूलो के बाद अब मनीष तिवारी और भट्ठल के नाम भी शामिल हो गए हैैं।


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