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Punjab Congress: रावत संग बैठक में सिद्धू के आक्रामक तेवर, कहा- मुद्दे हल न हुए तो अध्‍यक्ष रहने का औचित्‍य नहीं

Punjab Congress पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को काबू में करने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे हरीश रावत ने पार्टी के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू व कार्यकारी प्रधानों के साथ मैराथन बैठक की। बैठक में सिद्धू आक्रामक तेवर में दिखे और कई मुद्दे उठाए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 11:07 PM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 08:22 AM (IST)
Punjab Congress: रावत संग बैठक में सिद्धू के आक्रामक तेवर, कहा- मुद्दे हल न हुए तो अध्‍यक्ष रहने का औचित्‍य नहीं
चंडीगढ में पंजाब कांग्रेस कार्यालय में नवजाेत सिंह सिद्धू व अन्‍य नेताओं के साथ हरीश रावत। (स्रोत- पंजाब कांग्रेस ट्वीट)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Congress Tussle: पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच प्रदेश प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंचे। उन्‍होंने पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू व कार्यकारी प्रधानों के साथ मैराथन बैठक की। बताया जाता है कि सिद्धू बैठक में आक्रामक तेवर में नजर आए और उन्‍होंने कई मुद्दे उठाए। पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने के करीब 50 दिन बाद ही सिद्धू ने धमकी दे दी कि अगर ड्रग्स, बिजली, किसानी जैसे मुद्दों का हल नहीं होता है तो उनके प्रधान बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। रावत इस दौरान सिद्धू के ईंट से ईंट बजाने वाले बयान से खिन्‍न भी दिखाई दिए और उनको अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया। रावत की आज सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक होगी।

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सिद्धू ने कहा- बिजली, ड्रग्‍स और किसानों के मुद्दे नहीं सुलझे तो उनके प्रधान रहने का कोई औचित्य नहीं

बैठक में सिद्धू के साथ पंजाब कांग्रेस के दो कार्यकारी अध्‍यक्ष और पार्टी के प्रदेश महासचिव परगट सिंह मौजूद थे। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत बैठक के लिए कांग्रेस भवन पहुंचे हुए थे। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक के दौरान सिद्धू ने बिजली, ड्रग्स और किसानों के मुद्दे को उठाया। सिद्धू ने दावा किया कि इन तीन मुद्दों को अगर पंजाब सरकार समयबद्ध हल कर देती है तो पंजाब में कांग्रेस की सरकार दोबारा बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

नवजोत सिंह सिद्धू व अन्‍य नेताओं के साथ बैठक करते नवजोत सिंह सिद्धू। (स्रोत- पंजाब कांग्रेस ट्वीट)

रावत देर शाम तो हेलीकाप्टर से चंडीगढ़ पहुंचे और सीधा पंजाब भवन चले गए। पंजाब भवन में मुख्यमंत्री के करीबी कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी और कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा व प्रदेश महासचिव परगट सिंह मौजूद थे। नवजोत सिंह सिद्धू सेक्टर 15 स्थित कांग्रेस भवन में थे। रावत इसके बाद नवजाेत सिंह सिद्धू के साथ बैठक करने के लिए पंजाब भवन से कांग्रेस भवन पहुंचे। इस दौरान उनके साथ राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी नहीं थे। रावत ने सिद्धू के साथ करीब तीन घंटे तक बैठक की। इस बैठक में परगट सिंह, नागरा, और पवन गोयल भी मौजूद थे।

पंजाब कांग्रेस का बैठक के बारे में ट्वीट।

पार्टी सूत्र बताते हैं कि आलाकमान की ईंट से ईंट बजा देने का बयान दे चुके सिद्धू ने रावत कह दिया कि जो मुद्दे सरकार को हल करने है उसे वह करवाएं। उन्होंने कहा कि कल उनकी (रावत) की मुख्यमंत्री के साथ बैठक है। अतः बिजली, ड्रग्स जैसे मुद्दों को हल करवाएं। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस को पंजाब में दोबारा सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। अगर यह मुद्दे हल नहीं होते है तो उनके प्रधान बने रहने का कोई आचित्य नहीं है।

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रधान की जिम्मेदारी संभालते समय भी कहा था कि कुर्सियां का उन्होंने कोई मोह नहीं किया। कुर्सियां तो उन्होंने दूर फेंकी है। दूसरी ओर, बैइक में हरीश रावत ने सिद्धू को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। उनका क‍हना था कि सिद्धू द्वारा दिए जा रहे बयानों के कारण पंजाब कांग्रेस की छवि न सिर्फ पंजाब में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी खराब हो रही है। इसका विरोधी पार्टियों को भी लाभ मिल रहा है।

वहीं, बैठक के उपरांत हरीश रावत ने कहा कि थोड़ा बहुत विवाद है। इसी वजह से मुझे यहां पर आना पड़ा। उन्होंने इस बात से इन्‍कार किया कि कांग्रेस में कोई ग्रुप है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य सभी पक्षों से मुलाकात कर उनकी बातों को सुनना है। रावत ने कहा कि सिद्धू ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अगले 15 दिनों में वह संगठन के कार्य को गियरअप कर देंगे।

पार्टी के विवादों को लेकर उठे सवाल पर प्रदेश प्रभारी रावत ने कहा कि जब राग मल्हार गाया जा रहा होता है , तो इसमें खराबी की बात नहीं की जाती। परगट सिंह द्वारा उन पर उठाए गए सवालों को लेकर प्रदेश प्रभारी ने कहा कि उनके अपने समझने की बात है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परगट सिंह से जो बात हुई है वह मीडिया में नहीं कहेंगे।

रावत आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक करेंगे। रावत की सिद्धू के साथ बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास करने वाले चार मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया और चरणजीत सिंह चन्नी मौजूद नहीं थे। जबकि यह चारों ही मंत्री सिद्धू कैंप के माने जाते है। रावत के साथ बैठक में चारों नेता संगठन से ही जुड़े हुए थे।

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