पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू को दिया झटका, कैबिनेट में नहीं हुई AG पर चर्चा
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट में एजी के मामले पर चर्चा न कर नवजोत सिंह सिद्धू को तगड़ा झटका दिया है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सिद्धू के आक्रामक रवैये के बाद एजी पर कैबिनेट में कुछ फैसला हो सकता है।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू को झटका दिया। गत दिवस कैबिनेट बैठक में एडवोकेट जनरल (AG) के इस्तीफे तो दूर एजी के ‘ए’ शब्द पर भी चर्चा नहीं हुई। यहां तक की कैबिनेट के एजेंडे में भी एजी का मामला शामिल नहीं किया गया था, जबकि सिद्धू एजी को हटाने के लिए आतुर नजर आ रहे हैं। उन्होंने पहले ही घोषणा कर रखी है कि जब तक नया एडवोकेट जनरल नहीं लगेगा तब तक वह कांग्रेस भवन नहीं जाएंगे। हालांकि उन्होंने प्रदेश प्रधान पद से अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी थी।
इस बीच, सिद्धू ने कैबिनेट बैठक के दौरान ही 12 ट्वीट कर एजी पर सवाल उठाए। सिद्धू ने लिखा, एजी-पंजाब महोदय, न्याय अंधा है, लेकिन पंजाब के लोग नहीं हैं। हमारी कांग्रेस पार्टी बेअदबी के मामलों में न्याय देने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, जिसमें आप मुख्य साजिशकर्ताओं व आरोपितों के पक्ष में हाई कोर्ट में पेश हुए और पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू एजी के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं। एक दिन पहले एजी ने भी ट्वीट कर नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला किया। कहा कि सिद्धू सरकार के कामकाज में अड़ंगा डाल रहे हैं। मामले में आज सिद्धू ने कई ट्वीट कर एजी पर हमला किया। सिद्धू ने देयोल से पूछा कि क्या वह (सिद्धू) जान सकते हैं कि जब आप मुख्य साजिशकर्ताओं के लिए अदालत में पेश हुए। उन्हें जमानत दिलवाई।
सिद्धू ने कहा कि देयोल बताएं कि वह किसके हित के लिए काम कर रहे थे। उनके हित के लिए जिन्होंने उन्हें एजी जैसे संवैधानिक पद पर बैठाया। ऐसी टिप्पणी कर सिद्धू ने एक बार फिर सीधे-सीधे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के कामकाज पर भी सवाल उठाया। सिद्धू ने कहा कि देयोल आरोपितों के पक्ष में पेश हुए। अब आप राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जल्द ही आप न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के मांग करेंगे, ताकि मामले पर फैसला कर सकें।
सिद्धू ने कहा कि सर्वोच्च विधि अधिकारी होने के बावजूद देयोल का ध्यान राजनीति पर है। कहा कि राजनीति को राजनेताओं पर छोड़ दें और अपने व्यक्तिगत विवेक, सत्यनिष्ठा और पेशेवर नैतिकता पर ध्यान केंद्रित करें। हालांकि एजी के ट्वीट के बाद ही यह तय हो गया था कि रविवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में एजी के इस्तीफे को लेकर कोई चर्चा नहीं होने वाली है। कमोवेश ऐसा ही हुआ। वहीं, एजी के मुद्दे को लेकर अब नवजोत सिंह सिद्धू भी पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।