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पंजाब चुनाव 2022: सेखड़ी और बाजवा को लगेगा झटका, बटाला में नए हिंदू चेहरे पर दांव खेल सकती है कांग्रेस

Punjab Chunav 2022 बटाला सीट से चुनाव लड़ने के लिए कैबिनेट मंत्री दावा ठोक रहे हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पसंद अश्वनी सेखड़ी हैं। माझा क्षेत्र की इस सीट पर पार्टी में सबसे ज्यादा घमासान दिख रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 03:17 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 03:17 PM (IST)
पंजाब चुनाव 2022: सेखड़ी और बाजवा को लगेगा झटका, बटाला में नए हिंदू चेहरे पर दांव खेल सकती है कांग्रेस
तृप्त राजिंदर बाजवा व अश्वनी सेखड़ी। फाइल फोटो

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। माझा की राजनीति में बटाला हाट सीट बनी हुई है, क्योंकि इस सीट पर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा दावा ठोक रहे हैं, जबकि पार्टी के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने अश्वनी सेखड़ी को थापी दी थी और उनके समर्थन में रैली भी की थी। माझा में बटाला सीट पर ही कांग्रेस में सबसे ज्यादा घमासान देखने को मिल रहा है। बाजवा और सेखड़ी की लड़ाई में अब पार्टी ने इस सीट पर किसी नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है। कांग्रेस इस सीट पर किसी नए हिंदू चेहरे पर ही दांव खेलेगी।

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कांग्रेस ने भले ही तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को फतेहगढ़ चूड़ियां से फिर उम्मीदवार बनाया है, लेकिन बाजवा बटाला में भी शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। बाजवा पार्टी से दो टिकट मांग रहे हैं। एक अपने लिए और एक अपने बेटे के लिए, जबकि पार्टी ने एक परिवार में एक ही टिकट देने का फैसला किया हुआ है। बाजवा और अश्वनी सेखड़ी की लड़ाई के कारण कांग्रेस इन दोनों में से किसी एक को भी टिकट देने के हक में नहीं है।

पार्टी को लग रहा है कि अगर इन दोनों में से किसी एक को टिकट दिया तो दूसरा विरोध में जुट जाएगा, जिससे पार्टी के हाथ से यह सीट जा सकती है। हालांकि 2017 में इस सीट से अश्वनी सेखड़ी अकाली दल के लखबीर सिंह लोधीनंगल से चुनाव हार गए थे। इस सीट को लेकर कांग्रेस में लंबे समय से इस बात को लेकर खींचतान चल रही थी कि यह सीट हिंदुओं को दी जाए या किसी सिख को, क्योंकि अश्वनी सेखड़ी इसे हिंदू सीट बता कर अपना दावा ठोक रहे थे। जबकि बाजवा अपने बेटे के लिए लंबे समय में पार्टी में लाबिंग करते रहे।

एक समय अश्वनी सेखड़ी ने अकाली दल में जाने वाले थे लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें कांग्रेस में ही रोक लिया। उस समय कैप्टन ने उन्हें बटाला से ही टिकट देने का वायदा किया था। हालांकि नए समीकरण में नवजोत सिंह सिद्धू भी सेखड़ी के हक में ही खड़े थे। उन्होंने तो अपने स्तर पर सेखड़ी को उम्मीदवार भी बता दिया था, लेकिन पार्टी ने अब दोनों ही लड़ाई को देखते हुए इनमें से किसी को भी टिकट नहीं देने का फैसला लिया है। पार्टी अगर सेखड़ी को टिकट नहीं देती है तो यह नवजोत सिंह सिद्धू के लिए भी झटका होगा, क्योंकि जब सिद्धू ने सेखड़ी को बटाला का उम्मीदवार घोषित किया था तब माझा के मंत्रियों व विधायकों ने इसका विरोध भी किया था।

सूत्र बताते हैं कि फतेहगढ़ चूड़िया से टिकट मिलने व पार्टी की एक परिवार से एक टिकट देने की नीति के बावजूद बाजवा का बटाला में शक्ति प्रदर्शन करना भी कांग्रेस की आंतरिक रणनीति का हिस्सा था। क्योंकि पूर्व में अश्वनी सेखड़ी का नाम लगभग बटाला सीट से लगभग तय हो गया था, लेकिन बाजवा के बीच में कूदने से स्थितियों में पुन: बदलाव हो गया।


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