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Punjab Lockdown Curfew extended: पंजाब में 1 मई तक बढ़ाया गया कर्फ्यू, किसानों को छूट

Punjab Lockdown Curfew extended पंजाब में कर्फ्यू 1 मई तक बढ़ा दिया गया है। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। हालांकि 15 तारीख से फसल खरीद के लिए किसानों को छूट दी जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 02:19 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 09:30 PM (IST)
Punjab Lockdown Curfew extended: पंजाब में 1 मई तक बढ़ाया गया कर्फ्यू, किसानों को छूट
Punjab Lockdown Curfew extended: पंजाब में 1 मई तक बढ़ाया गया कर्फ्यू, किसानों को छूट

जेएनएन, चंडीगढ़। Punjab Lockdown Curfew extended: पंजाब में कर्फ्यू/लॉकडाउन की अवधि 1 मई तक बढ़ा दी गई है। यह फैसला आज यहां हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। इससे पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोपहर में ही कर्फ्यू बढ़ाने के संकेत दे दिए थे। कैप्टन ने कहा कि 15 अप्रैल से राज्य में गेहूं की खरीद शुरू होगी। इस दौरान किसानों को छूट दी जाएगी। कैप्टन के इस बयान में स्पष्ट संकेत था कि कि राज्य में Corornavirus COVID-19 के मामलों को देखते हुए कर्फ्यू बढ़ेगा।

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कैबिनेट की मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंडियों में गेहूं की खरीद के दौरान भीड़ न जुटे इसके लिए किए गए प्रबंधों का भी जायजा लिया। कर्फ्यू की मियाद आज 1 मई तक बढ़ाने संबंधी जानकारी मुख्यमंत्री कल प्रधानमंत्री के साथ होने वाली मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में देंगे।

काबिले गौर है कि पंजाब में कर्फ्यू के बावजूद कोरोना के केसों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए इसे 1 मई तक बढ़ाने का सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है। ज्यादातर मंत्री इस बात पर राजी थे कि लॉकडाउन को खोलने का अभी कोई अवसर नहीं है, क्योंकि यह लगातार उन क्षेत्रों में भी बढ़ रहा है जहां अभी तक कोई भी केस नहीं आया था।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन और कर्फ्यू की स्थिति से धीरे धीमे किस तरह बाहर निकलना है इस पर कैबिनेट से चर्चा के बाद एक टास्क फोर्स बनाने का भी प्रस्ताव दिया यह टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट 10 दिनों के अंदर सरकार को सौंपेगी । टास्क फोर्स में 15 सदस्य होंगे जो बिजनेस, उद्योग, कृषि, सिविल सोसायटी और स्वास्थ्य वर्ग से संबंधित होंगे।

मोंटेक आहलूवालिया बताएंगे कैसे पटरी पर आएगी पंजाब आर्थिकता

कोरोना के खत्म होने के बाद पंजाब की आर्थिकता को फिर से पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पूर्व योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलूवालिया से इस कमेटी का अध्यक्ष बनने को कहा है।

एडवांस्ड वायरोलॉजी सेंटर बनाने को पंजाब देगा निशुल्क जमीन

कैबिनेट में पंजाब में एडवांस सेंटर ऑफ वायरोलॉजी की स्थापना करने के लिए केंद्र सरकार से मांग की है । इस पर 500 करोड रुपए खर्च आने की योजना है । राज्य सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह इसके लिए निशुल्क जमीन उपलब्ध करवाएगा। यह सेंटर विभिन्न वायरस पर स्टडी करके रिपोर्ट दिया करेगा।

स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने के लिए टास्क फोर्स का गठन

कैबिनेट ने मौजूदा संकट के चलते पंजाब में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लोक निर्माण विभाग के सचिव की अगुवाई में एक टास्क फोर्स का गठन करने को मंजूरी दे दी है इसमें पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के एमडी और प्रिंसिपल सेक्रेट्री टीसीए भी मेंबर होंगे । यह टास्क फोर्स पंजाब में जल्द से जल्द हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगा।

अगामी महीने में हालात गंभीर चुनौतियों भरे हो सकते हैं

वहीं, सुबह वीडियो कांफ्रेंसिंग के पत्रकारों से बातचीत में भारत में इस बीमारी संबंधी सामने आ रहे तथ्यों और कोविड -19 संबंधी विश्व स्तर पर उभर रहे समीकरणों संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा, फि़लहाल यह जंग की शुरुआत है और भारत में अगामी महीने में हालात गंभीर चुनौतियों भरे हो सकते हैं। ऐसे हालात में किसी भी राज्य के लिए कर्फ्यू को खत्म करना आसान नहीं होगा। वीरवार को रिपोर्ट हुए 27 पॉजिटिव मामलों (जो अब तक राज्य के लिए एक दिन में आए सबसे अधिक केस हैं) की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यह केस सेकेंडरी ट्रांसमिशन के हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संकेत है कि राज्य कम्युनिटी ट्रांसमिशन की तरफ जा सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि अगामी सप्ताहों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। कैप्टन ने कहा कि संकेत चाहे चिंता भरे हैं परन्तु हम हर स्थिति से पूरी ताकत से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चाहे मौजूदा समय में पंजाब में ज़्यादातर राज्यों के मुकाबले मामले कम हैं, परंतु अगर महामारी और फैलती है तो राज्य अकेला नहीं रह सकता। 

माहिरों का अनुमान जुलाई -अगस्त के महीने शिखर पर पहुंचेगी महामारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरी माहिरों और वैज्ञानिकों के सुझावों के अनुसार यह महामारी भारत में जुलाई -अगस्त के महीने शिखर पर पहुंचेगी, जिससे भारत के 58 फीसद और पंजाब के 87 फीसद लोगों के प्रभावित होने की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में कोई भी राज्य सरकार आसानी से ही इन पाबंदियों को ख़त्म नहीं कर सकती। उन्होंने साथ ही ज़ोर देए हुए कहा कि हमें इस बीमारी के फैलने से रोकने के लिए पूरी तरह सचेत रहना पड़ेगा। उन्होंंने कहा कि पंजाब इन तथ्यों के आधार पर इस बीमारी से जूूझने के लिए तैयारी कर रहा है।

15000 करोड़ रूपयों की राशि कम

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की तरफ से बीते दिन देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जारी किए गए 15000 करोड़ रूपयों को बहुत कम करार दिया और इसको पूरी तरह रद करते हुए कहा कि यह किसी तरीके भी भारत के 1.4 बिलियन लोगों के लिए यह रकम काफ़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के पास इतने स्रोत नहीं कि वह केंद्र की सहायता बिना कोरोना के खि़लाफ़ यह जंग लड़ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्यों को यह जंग लडऩे के काबिल बनाने के लिए और ज्यादा फंड जारी करने का मामला ज़ोरदार तरीके से उठाएंगे।

पंजाब को मिले विशेष आर्थिक पैकेज

मुख्यमंत्री ने इस संकट से निपटने के लिए पंजाब के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग को दोहराते हुए कहा, केंद्र की तरफ से पंजाब के जीएसटी के लंबित पड़े बकाये के एक हिस्से को जारी किया गया है, जो कि राज्य की तनख्वाहों आदि की ज़रूरतों को भी मुश्किल से ही पूरा करेगा। पंजाब में कोरोना के फैलाव में तबलीगी जमात के संबंधी पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि उनकी सरकार ने 651 व्यक्तियों की सूची हासिल की है जो राज्य में आए थे और इनमें से अब तक 636 व्यक्तियों को ढूंढा जा चुका है और 27 के टेस्ट पाजि़टिव आए हैं। 

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