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अवैध माइनिंग रोकने को पंजाब कैबिनेट का बड़ा कदम, इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट को मंजूरी

Punjab Cabinet Meeting पंजाब में अवैध मा‍इनिंग रोकने के लिए कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार ने बड़ा कदम उठाया हैै। पंजाब कैबिनेट की बैठक में अवैध खनन पर लगाम के लिए अपना इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट बनाने को मंजूरी दे दी गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 06:52 PM (IST)
अवैध माइनिंग रोकने को पंजाब कैबिनेट का बड़ा कदम, इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट को मंजूरी
पंजाब कैबिनेट ने राज्‍य में अवैध खनन पर लगाम लगाने का फैसला किया है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब कैबिनेट ने गैर कानूनी माइनिंग को रोकने के लिए इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसकी घोषणा की थी। इस ईडी का प्रमुख डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआइजी) रैंक का अधिकारी होगा और इसकी स्थापना जलस्रोत विभाग के माइनिंग और जीओलोजी विंग में से जाएगी। इससे ग़ैरकानूनी माइनिंग पर नकेल डालने से ही राज्य की आमदनी में विस्तार भी होगा।

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इसका प्रमुख डीआइजी स्‍तर का अधिकारी होगा

पंजाब सरकार का कहना है कि यह इनफोर्समेंट डायरेक्‍टोरेट की तरफ से पंजाब की अंतरराज्यीय सरहदों और राज्य में छोटे खनिजों के नाजायज आवाजाही पर रोक लगाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उसे खनन विभाग के अधिकारियों की तरफ से भी सहयोग किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में कहा कि गैरकानूनी माइनिंग कर रहे तत्वों के खिलाफ माईनज एंड मिनरलज (डेवलपमेंट एंड रैगूलेशन) एक्ट, 1957 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। जल स्रोत विभाग के माइनिंग विंग के साथ तालमेल करते हुए ईडी की तरफ से यह भी यकीनी बनाया जाएगा कि रेत और बजरी का व्यापार कर रहे व्यक्तियों की तरफ से माइनिंग नीति में दिखाई बिक्री कीमत से अधिक की वसूली न की जाए।

 इनफोर्समेंट डायरेक्‍टोरेट के पास खनन विभाग के निदेशक, मुख्य इंजीनियर और जिला स्तरीय गैरकानूनी माइनिंग इनफोर्समेंट कमेटियों (डिप्टी कमीशनरों के अंतर्गत) के साथ उचित तालमेल बिठा कर उपरोक्त लक्ष्य हासिल करने के सभी अधिकार होंगे। वह ग़ैरकानूनी माइनिंग के साथ निपट रहे पड़ोसी राज्यों की एजेंसियों के साथ तालमेल करने के अलावा माइनिंग को रोकने का लक्ष्य हासिल करने के लिए जासूस तंत्र भी विकसित करेगा।

इसके प्रमुख राज्य स्तर पर डीआइजी रैंक के अधिकारी होंगे और मुख्यालय में इनकी सहायता के लिए एसपी स्तर के तीन अधिकारी होंगे। सात माइनिंग ब्लाकों (सरकारी नीति के अनुसार संख्या कम या अधिक हो सकती है) में से हरेक का प्रमुख कम से कम डीएसपी स्तर का अधिकारी होगा, जिससे जिला स्तर पर 21 इंस्पेक्टर /सब इंस्पेक्टर (3 प्रति जिला) और 175 हेड कांस्टेबल /कांस्टेबल तैनात होंगे। 

जिला पुलिस प्रमुख के द्वारा माइनिंग से संबंधित मामले दर्ज करके इनकी जांच के इलावा ईडी की तरफ से एक्सीऐन, एसडीओज़ और माइनिंग अफसरों के साथ माईनज़ एंड मिनरलज़ (डेवलपमेंट एंड रैगूलेशन) एक्ट, 1957 की धाराओं, सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत तालमेल करके मामले दर्ज करने के बाद इनकी जांच-पड़ताल की जायेगी। इस कोशिश में मोहाली, रोपड़, होशियारपुर, पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, लुधियाना, नवां शहर, जालंधर, फिऱोज़पुर, संगरूर और बठिंडा पर ख़ास ध्यान दिया जाएगा।

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