पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा- अपराध की सूचना पर पुलिस को केस दर्ज करना अनिवार्य
दिल्ली निवासी महिला की मौत के मामले में पुलिस ने बिना केस दर्ज किए प्राथमिक जांच की रिपोर्ट तैयार कर मान लिया कि महिला की हत्या नहीं हुई। मामले में हाई कोर्ट ने जांच के आदेश देते हुए कहा कि अपराध की सूचना पर केस दर्ज करना अनिवार्य हैैै।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में पुलिस द्वारा केवल प्राथमिक जांच करने को गलत करार दिया है। इसके साथ ही कहा है कि अपराध की सूचना पर केस दर्ज करना पुलिस के लिए अनिवार्य है। हाई कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ ही शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच के आदेश जारी किए हैं।
दिल्ली निवासी हितेश भारद्वाज ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि सात मार्च 2020 को उसका भाई और उसके सास-ससुर दिल्ली से उसकी मां को अमृतसर गुरुद्वारा दिखाने लेकर गए थे। इस दौरान उनकी मां ने अपने भतीजे संदीप और एक अन्य युवक बलबीर को साथ ले लिया। वे सभी रात एक बजे बटाला पहुंचे और वहां उसके भाई के ससुराल में ही रात को रुके। सुबह संदीप और बलबीर को याचिकाकर्ता के भाई ने बताया कि रात को मां को दिल का दौरा पड़ा था और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। वे जब अस्पताल पहुंचे तो वहां उनको मृत पाया।
हितेश ने बताया कि उसके भाई पर पिता के कत्ल का भी इल्जाम था जिसके चलते उसने दिल्ली में सात साल ट्रायल झेला। इसके बाद वह बरी हो गया। बाद में उसने मां पर दबाव बनाकर पूरी जायदाद अपने नाम करवा ली। हालांकि मां ने मौत से कुछ समय पहले ही वसीयत बदल कर दोनों भाइयों को बराबर का हिस्सेदार बना दिया। हितेश ने बताया कि इसके बाद मां की मौत होना संदेह पैदा करने वाला है।
20 मार्च को उसने आपराधिक शिकायत भी दी लेकिन पुलिस ने बिना केस दर्ज किए प्राथमिक जांच की रिपोर्ट तैयार कर मान लिया कि उसकी मां की हत्या नहीं हुई। हाई कोर्ट ने अब यह स्पष्ट किया है कि संज्ञेय अपराध की स्थिति में पुलिस के पास केस दर्ज करें या न करें यह विकल्प मौजूद नहीं है।