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लाल किले पर हिंसा का आरोपित पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू बोला- थोड़ा वक्त चाहिए, जांच में शामिल होऊंगा

लाल किले पर हिंसा के आरोपित पंजाब एक्टर दीप सिद्धू का कहना है कि उसे सच्चाई सामने लाने के लिए कुछ समय चाहिए। इसके बाद वह जांच में शामिल हो जाएगा। दीप सिद्धू पर हिंसा भड़काने का आरोप है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 12:48 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 01:04 PM (IST)
लाल किले पर हिंसा का आरोपित पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू बोला- थोड़ा वक्त चाहिए, जांच में शामिल होऊंगा
पंजाबी फिल्म एक्टर दीप सिद्धू की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ [प्रेट्र/जेएनएन]। गणतंत्र दिवस पर किसान मार्च के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा मामले में नामजद पंजाबी कलाकार दीप सिद्धू ने कहा कि उसे सच्चाई सामने लाने के लिए कुछ समय चाहिए। वह मामले की जांच में शामिल होगा। दीप सिद्धू ने कहा कि उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। साथ ही लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है, लेकिन वह यह संदेश देना चाहता है कि वह जांच में शामिल होगा। 

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दीप सिद्धू ने कहा कि उसे सच्चाई सामने लाने के लिए कुछ समय चाहिए, क्योंकि जो कुछ फैलाया जा रहा है वह झूठी जानकारी है। लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उसे सच्चाई को सामने लाने के लिए कुछ दिनों को आवश्यकता है। इसके बाद वह जांच में शामिल हो जाएगा।

इससे पहले दीप सिद्धू ने गत तड़के फेसबुक पर लाइव होकर किसान नेताओं पर तीखा हमला किया था। दीप सिद्धू का कहना है कि अगर पर किसान नेताओं की परतें खोलने पर आ गया तो उन्हें भागने के लिए जगह कम पड़ जाएगी। दीप सिद्धू ने लाल किले पर निशान साहिब वाला झंडा लगाने को सही ठहराया था। दीप सिद्धू का कहना था कि 26 जनवरी को निशान साहिब लगाने वाली घटना का किसान यूनियनों को स्वागत करना चाहिए था। वह इसके पक्ष में स्टैंड लेते। हमने पहले भी 26 नवंबर को बहरी और अंधी सरकार के आंख-कान खोले थे, अब एक बार फिर 26 जनवरी को ऐसा करके सरकार की आंखें खोली हैं।

फेसबुक पर लाइव में दीप सिद्धू ने दावा किया कि 25 की रात को ही संगत ने तय कर दिया था कि हम सरकार के बताए रूट पर नहीं जाएंगे, क्योंकि किसान नेताओं ने हमें कहा था कि 26 जनवरी को दिल्ली में मार्च करेंगे। हम तभी यहां आए हैं। मैंने तो अपनी स्पीच में भी यह कहा था कि सभी लोगों को साझा फैसला लेना चाहिए। आंदोलन दोफाड़ नहीं होना चाहिए, लेकिन ये किसान नेता मुझे ही गद्दार कह रहे हैं। इन्हें शर्म आनी चाहिए।


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