पीयू गर्ल्स हॉस्टलर को नहीं देना होगा फाइन, एक ही रजिस्टर में होगी एंट्री
पंजाब यूनिवर्सिटी गर्ल्स हॉस्टल्स में रहने वाली छात्राओं के आने-जाने के रिकॉर्ड के लिए अब एक रजिस्टर होगा। सोमवार को मामले को लेकर गठित कमेटी ने प्रस्ताव पर अपनी रंजामंदी दे दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी गर्ल्स हॉस्टल्स में रहने वाली छात्राओं के आने-जाने के रिकॉर्ड के लिए अब एक रजिस्टर होगा। सोमवार को मामले को लेकर गठित कमेटी ने प्रस्ताव पर अपनी रंजामंदी दे दी है। अब पीयू के सभी गर्ल्स हॉस्टलों में सिर्फ एक ही रजिस्टर होगा, जिसमें छात्राओं के लेट आने-जाने का रिकॉर्ड रखा जाएगा। छात्राओं को अब किसी तरह का फाइन भी नहीं देना होगा। बीते 15 दिसंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट बैठक में छात्राओं की विभिन्न मांगों पर फैसला लेने के लिए कमेटी गठित की गई थी। प्रोफेसर नवदीप गोयल की अगुआई में पीयू प्रशासन की ओर नॉमिनेटेड नौ सदस्यों और पीयू स्टूडेंट काउंसिल के प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। जानकारी अनुसार मी¨टग में स्टूडेंट काउंसिल प्रेसिडेंट द्वारा गर्ल्स हॉस्टल में एंट्री के लिए एक ही रजिस्टर रखने का मामला उठाया गया। जिस पर कमेटी के सदस्यों ने भी सहमति दे दी। लड़कियों के लिए शुरू होगी हेल्पलाइन पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा का मामला भी मी¨टग में उठा। बैठक में स्टूडेंट काउंसिल की ओर से लड़कियों के लिए खास हेल्पलाइन शुरू करने का मुद्दा भी उठा। इस हेल्पलाइन पर कोई भी छात्रा जरूरत पड़ने पर मदद के लिए संपर्क कर सकती है।
इस हेल्पलाइन के लिए खास तौर पर कंट्रोल रूम कैंपस में भी बनाया जाएगा। काउंसिल प्रेसिडेंट कनुप्रिया ने कहा कि हेल्पलाइन से छात्राओं को न सिर्फ छेड़छाड़, साथ ही रै¨गग जैसे मामलों की जानकारी देने में सुविधा होगी। कोई हादसा होने पर भी इस हेल्पलाइन पर पीयू के स्टूडेंट्स मदद मांग सकेंगे। पीयू सीनेट में उठा था मुद्दा पीयू गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं की 24 घंटे एंट्री को लेकर चालीस दिन से अधिक समय तक पीयू कैंपस में जमकर बवाल हुआ था। पीयू छात्र काउंसिल प्रेसिडेंट कनुप्रिया और एसएफएस छात्र नेताओं की अगुआई में कई दिन देर रात नारेबाजी और धरने प्रर्दशन जारी रहे। 15 दिसंबर को छात्राओं की हॉस्टल में एंट्री को लेकर विशेष सीनेट तक बुलानी पड़ी थी। सीनेट में पूरे मामले को लेकर प्रो. नवदीप गोयल की अगुआई में कमेटी गठित की गई थी।
सोमवार को हुई बैठक में डीएसडब्ल्यू, चीफ ऑफ सिक्योरिटी सहित अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया। छात्राओं के विरोध को देखते हुए कमेटी ने भी हॉस्टल में देरी से आने पर फाइन नहीं लगाने का फैसला लिया है।