Move to Jagran APP

PU Chandigarh सीनेट चुनाव को लेकर फिर विवाद, कुलपति ने सीनेटर डा. तरुण घई की सदस्यता रद की

कुलपति के इस बड़े कदम के बाद अब पीयू सीनेट की नोटिफिकेशन फिर से अधर में लटक सकती है। मामले में कुलपति की ओर से दिए गए फैसले में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवार डा. मनोज कुमार को विजेता घोषित नहीं किया जा सकता।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 01:07 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 01:07 PM (IST)
PU Chandigarh सीनेट चुनाव को लेकर फिर विवाद, कुलपति ने सीनेटर डा. तरुण घई की सदस्यता रद की
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ स्टूडेंट सेंटर की फाइल फोटो।

डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ (PU Chandigarh) की नई सीनेट के गठन का विवाद फिलहाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। पीयू प्रशासन ने 30 अक्टूबर 2021 को सीनेट की सभी चुनाव क्षेत्र सीटों के चुनाव रिजल्ट घोषित करने के बाद नई सीनेट की नोटिफिकेशन के लिए प्रस्ताव पीयू चांसलर और उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू को भेज दिया। नई सीनेट की नोटिफिकेशन इसी हफ्ते होने की उम्मीद थी, लेकिन इसी बीच पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स (जीसीजी-11) चंडीगढ़ के शिक्षक डा. मनोज कुमार की शिकायत पर कुलपति प्रो.राजकुमार ने हाईकोर्ट के निर्देशों पर सुनवाई करते हुए सीनेटर का चुनाव जीतने वाले डा. तरुण घई के चयन को गलत करार देते हुए उनकी सीनेट के तौर पर मान्यता को नोटिफिकेशन से पहले ही रद कर दिया है।

prime article banner

कुलपति के इस बड़े कदम के बाद अब पीयू सीनेट की नोटिफिकेशन फिर से अधर में लटक सकती है। पूरे मामले में कुलपति की ओर से दिए गए फैसले में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवार डा. मनोज कुमार को विजेता घोषित नहीं किया जा सकता। पीयू सीनेट में विभिन्न चुनाव क्षेत्र से 47 कैंडिडेट्स का चयन होता है। जिसमें कालेज असिस्टेंट प्रोफेसर चुनाव क्षेत्र की आठ सीटों का चुनाव भी शामिल है। पंजाब यूनिवर्सिटी के इस फैसले से सीनेट के गठन में देरी होना तय माना जा रहा है। उधर, पंजाब यूनिवर्सिटी कुलपति के फैसले को लेकर मामले में शिकायत करने वाले डा.मनोज कुमार फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

यह है पूरा मामला

असिस्टेंट प्रोफेसर डा.तरुण घई एसपीएन कालेज मुकेरियां पंजाब में 1 अगस्त 2014 से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत्त थे। कालेज प्रबंध द्वारा 23 जून 2021 को डा. घई की सेवाएं समाप्त कर दी गई। तरुण घई ने पीयू एफिलिएटेड आर्ट्स कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर चुनाव क्षेत्र से 18 अगस्त 2021 को चुनाव लड़ा और 20 अगस्त को घोषित रिजल्ट में छठे स्थान पर रहते हुए चुनाव जीत लिया। चुनाव लड़ने के समय तरुण घई किसी भी कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं थे। लेकिन पीयू ने उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति देते हुए उन्हें विजेता घोषित कर दिए। मामले में जीसीजी-11 के डा. मनोज कुमार और डा. इकबाल सिंह संधू ने चांसलर को मामले की जानकारी दी। डा. मनोज बाद में हाई कोर्ट भी पहुंच गए और कोर्ट के निर्देश पर पीयू कुलपति ने मामले की सुनवाई करते हुए डा.तरुण घई के उनकी सदस्यता रद कर दी।   

----

"पीयू प्रशासन को पहले से ही डा. तरुण घई मामले में जानकारी थी, फिर भी उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया। इस मामले में मैं फिर से पीयू कुलपति को मेरे आवेदन को स्वीकार करने का पत्र दूंगा। जरुरत पड़ी तो कोर्ट का विकल्प भी खुला है।

                      -डा.मनोज कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स-11 चंडीगढ़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK