250 करोड़ के गबन में पूर्व राजस्व अधिकारी से ठगी में रामलाल चौधरी गिरफ्तार
प्रापर्टी डीलर राम लाल चौधरी को एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने शुक्रवार को पंचकूला के पूर्व राजस्व अधिकारी नरेश कुमार से छह करोड़ की ठगी मामले में गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्रापर्टी डीलर राम लाल चौधरी को एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने शुक्रवार को पंचकूला के पूर्व राजस्व अधिकारी नरेश कुमार से छह करोड़ की ठगी मामले में गिरफ्तार कर लिया। 250 करोड़ के गबन केस में नाम हटवाने के एवज में ठगी के आरोपित रामलाल का एसआइटी ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट हासिल किया था। इसके बाद उसे मामले में गिरफ्तार कर जिला अदालत में पेश किया। वहां से चार दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया। अब एसआइटी उससे मामले में पूछताछ कर रही है। सेक्टर-34 थाना पुलिस ने आरोपित रामलाल के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत केस दर्ज किया है। इससे पहले गुरुग्राम के बिजनेसमैन अतुल्य शर्मा से पांच करोड़ की ठगी मामले में गिरफ्तार रामलाल बुड़ैल जेल में बंद था।
शिकायतकर्ता पंचकूला में रहने वाले नरेश कुमार बताया कि हरियाणा में नायब तहसीलदार, तहसीलदार और जिला राजस्व अधिकारी पद पर तैनात रहे हैं। वर्ष 2015 फरवरी में जब वह पंचकूला के जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) पद पर तैनात थे उस समय हरियाणा विजिलेंस ने डीआरओ ऑफिस पर 250 करोड़ रुपये के गबन का केस दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें कई बार विजिलेंस आफिस में जांच के लिए बुलाया गया था। उनके दोस्त रेवाड़ी निवासी सतीश यादव ने उन्हें भूप सिंह से मिलवाया। उसके माध्यम से मई 2015 में रामलाल ने उसे अपने सेक्टर-46 स्थित घर पर कॉल कर बुलाया और एफआइआर से नाम हटवाने की एवज में छह करोड़ की मांग की थी। उसे पैसे देने के लिए उन्होंने मा के नाम पर गुरुग्राम के गांव सैनी खेड़ा में लिया दो कनाल का प्लाट तक बेच दिया। रामलाल को तीन करोड़ देने के बावजूद विजिलेंस ने उसे केस में मुख्य आरोपित बना दिया। उसने अपने दोनों दोस्त सतीश और भूप सिंह के कहने पर बकाया रकम तीन करोड़ जुटाने के लिए गुरुग्राम के डीएलएफ में स्थित अपना 215 स्क्वायर यार्ड का रिहायशी प्लॉट भी बेचकर रामलाल को पैसे दिए। आरोप है कि बाद में करीब एक वर्ष बाद केस सीबीआइ को ट्रांसफर हो गया। इससे वह डिप्रेशन में चला गया। यह मामला अभी तक सीबीआइ के पास पेंडिग है।