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पीयू में अब प्रोफेसर ही बनेंगे रजिस्ट्रार, कर्नल चड्डा को नहीं मिलेगी एक्सटेंशन..

पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन अब अहम पदों पर प्रोफेसर की ही नियुक्ति करेगा। बीते अनुभवों के बाद पीयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है। जानकारी अनुसार पीयू में काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले रजिस्ट्रार पद पर अब किसी प्रोफेसर की ही नियुक्ति होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 03:51 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 03:51 PM (IST)
पीयू में अब प्रोफेसर ही बनेंगे रजिस्ट्रार, कर्नल चड्डा को नहीं मिलेगी एक्सटेंशन..
पीयू में अब प्रोफेसर ही बनेंगे रजिस्ट्रार, कर्नल चड्डा को नहीं मिलेगी एक्सटेंशन..

डॉ.सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन अब अहम पदों पर प्रोफेसर की ही नियुक्ति करेगा। बीते अनुभवों के बाद पीयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है। जानकारी अनुसार पीयू में काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले रजिस्ट्रार पद पर अब किसी प्रोफेसर की ही नियुक्ति होगी। गौरतलब है कि पीयू के मौजूदा रजिस्ट्रार कर्नल जीएस चड्डा का सितंबर में कार्यकाल खत्म हो रहा है। लेकिन पीयू प्रशासन ने अभी तक इस पद को भरने के लिए कोई विज्ञापन जारी नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार पीयू प्रशासन इस बार रजिस्ट्रार पद पर पीयू के ही किसी सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति करेगा, अगर बाहर से भी नियुक्ति करने पड़ी तो कैडीडेट टीचिंग बैकराउंड से होगा। मौजूदा कर्नल जीएस चड्ड का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। गौरतलब है कि पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास में अभी तक सिर्फ प्रोफेसर को ही रजिस्ट्रार लगाया जाता रहा है। अस्थायी तौर पर भी अगर कभी रजिस्ट्रार की नियुक्ति हुई तो वहा भी प्रोफेसर को ही लगाया गया है। रजिस्ट्रार पोस्ट के लिए लॉबिंग शुरू

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पंजाब यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार का कार्यकाल खत्म होने में अब सिर्फ 10 दिन का समय बचा है। सूत्रों के अनुसार किसी प्रोफेसर की ही इस पद पर नियुक्ति की सुगबुगाहट को लेकर अब वरिष्ठ प्रोफेसर ने लॉबिंग शुरु कर दी है। सूत्रों के अनुसार आरएसएस से जुड़े कई प्रोफेसर रजिस्ट्रार पद की दौड़ में शामिल हैं। पीयू वीसी के लिए भी आवेदन करने वाले कैंडीडेट भी रजिस्ट्रार के पद के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं।

पहली बार नॉन एकेडमिक कैंडीडेट को लगाया रजिस्ट्रार

पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन में रजिस्ट्रार पद को काफी अहम माना जाता है। तीन साल पहले रिटायर्ड कर्नल जीएस चड्डा की रजिस्ट्रार के तौर पर नियुक्ति हुई थी। चड्डा की नियुक्ति को लेकर काफी विवाद रहा था। उनकी क्वालिफिकेशन और टीचिंग अनुभव नहीं होने को लेकर नियुक्ति काफी विवादों में रही। चड्डा के पूरे कार्यकाल में उनकी नॉन टीचिंग स्टॉफ और टीचिंग स्टॉफ के साथ तकरार जारी रही। पीयू के कई बड़े पदों को अस्थायी नियुक्ति से चल रहा काम

पीयू के कई अन्य बड़े पदों पर सालों से स्थायी नियुक्ति नहीं हो पाई है। पीयू के 193 कॉलेजों की ब्राच को संभालने वाले डीन कॉलेज डेवलेपमेंट काउंसिल(डीसीडीसी) का पद लंबे समय से खाली पड़ा है। कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन प्रो.परविंदर सिंह को इसका अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है। उधर पीयू के चीफ सिक्योरिटी ऑफर पद भी कई सालों से खाली है। इस पद पर की गई नियुक्ति को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। प्रो.अश्वनी कौल के पास चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर का अतिरिक्त कार्यभार है।

टीचिंग पदों पर भी भर्ती की उम्मीद

नए कुलपति के आने के बाद अब पीयू के विभिन्न विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर,एसोसिएट और प्रोफेसर के खाली पदों पर भर्ती की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार कुलपति ने सभी विभागों से खाली पदों के बारे में रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के अनुसार पीयू में अभी भी 200 से अधिक शिक्षकों के खाली पद खाली हैं। वित्तिय स्थिति ठीक नहीं होने के कारण यूजीसी द्वारा पीयू में सभी तरह की भर्ती पर रोक लगा दी थी। कई विभागों में सालों से काट्रेक्ट प्रोफेसर से ही काम चलाया जा रहा है।


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