शाबाश... चंडीगढ़ के दो होनहार एनएसएस वालंटियर्स ने बढ़ाया शहर का मान, अब राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित
रीतिका पंजाब यूनिवर्सिटी के एंथ्रोपोलाजी डिपार्टमेंट की छात्रा है जबकि मोहम्मद अमजद पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-11 के स्टूडेंट हैं। दोनों ही वालंटियर्स ने कोरोना काल में अन्य वालंटियर्स से हटकर काम किया था जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के दो एनएसएस वालंटियर्स मोहम्मद अमजद और रीतिका वर्मा को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे। दोनों कैडेट्स को राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार नवाजा जाएगा। यह अवार्ड 24 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वालंटियर्स को देंगे।
रीतिका पंजाब यूनिवर्सिटी के एंथ्रोपोलाजी डिपार्टमेंट की छात्रा है, जबकि मोहम्मद अमजद पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-11 के स्टूडेंट हैं। दोनों ही वालंटियर्स ने कोरोना काल में अन्य वालंटियर्स से हटकर काम किया था जिसके लिए पूर्व स्टेट लाइजन आफिसर विक्रम राणा ने दोनों का नाम राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भेजा था। दोनों युवा वालंटियर अप्रैल 2020 से लेकर अब तक कोरोना महामारी से बचाव के लिए काम कर रहे हैं।
कोरोना से मरने वालों के संस्कार के लिए किया काम
पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-11 के स्टूडेंट्स मोहम्मद अमजद ने कोरोना काल में सबसे पहले स्वरमणि यूथ क्लब के साथ मिलकर कोरोना मृतकों की अर्थी को कंधा दिया था। अमजद सेक्टर-45 के बुडै़ल में रहते हैं। अमजद ने मुस्लिम धर्म होने के बावजूद हर धर्म के शवों को कंधा देने से लेकर मुखाग्नि देने तक का काम किया था। इसके अलावा कोरोना काल में जरूरतमंदों को खाना, सूखा राशन और मास्क बांटने का लगातार काम किया है। कोरोना में कई घर ऐसे थे जहां पर कोरोना मरीज थे और वहां पर दवाई से लेकर खाने पहुंचाने का काम भी अमजद ने किया था।
दर्जी की बेटी ने घर घर पहुंचाया खाना
पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा रीतिका वर्मा मोहाली की रहने वाली हैं। रीतिका के पिता संजीव वर्मा टेलर हैं। रीतिका ने कोरोना काल में जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने का जिम्मा उठाया। उसके बाद शहर के अलग-अलग स्थानों में जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया। रीतिका ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद लोगों को वैक्सीनेशन के लिए भी जागरूक किया है और वैक्सीनेशन सेंटर में सेवा भी दी है।