शास्त्रीय गायक डॉ. अलंकार सिंह ने दी प्रस्तुति
गुरबानी कीर्तन में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार पाने वाले एकमात्र शास्त्रीय गायक डॉ. अलंकार ने प्रस्तुति दी।
चंडीगढ़ : गुरबानी कीर्तन में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार पाने वाले एकमात्र शास्त्रीय गायक डॉ. अलंकार सिंह मंगलवार को टैगोर थिएटर-18 में प्रस्तुति देने पहुंचे। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने राग पुरिया कल्याण से की। इसमें उन्होंने दो बंदिशें पेश की। इसके बाद उन्होंने राग मारु विहार प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने पंजाबी बंदिश मैं दामन और फिर अंत में बंदिश काहे झूठी बनाओ बतिया को पेश किया।
डॉ. अलंकार ने कहा कि उन्हें बचपन से ही गीत-संगीत पसंद था। ऐसे में बचपन में ही उन्होंने शास्त्रीय गायन की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ढेरों प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। इसमें सबसे बड़ी कामयाबी हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में प्रथम पुरस्कार पाने की रही। अलंकार ने कहा कि उन्हें गुरुबाणी कीर्तन करना ज्यादा पसंद है। इसमें आप रुह तक खुदा तक पहुंच जाते हैं। ऐसे ही शास्त्रीय गायन होता है, इसे आप दिल से गाएंगे तो ही ये किसी के दिल तक पहुंचेगा। आमतौर पर युवा पीढ़ी इससे कतराती है। ये सही भी है, क्योंकि इसकी पहले समझ बचपन से ही देने की जरूरत है। इसके बाद वह खुद को इससे जोड़ पाएंगे। पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में अलंकार म्यूजिक डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि मेरा ध्यान ज्यादा से ज्यादा युवाओं को हमारे अमीर सभ्यता से रूबरू करवाना है। इसके लिए मैं उन्हें वैसे ही पढ़ाता हूं, जैसे उन्हें पढ़ना पसंद है। डॉ. अलंकार गुरबानी कीर्तन में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार पाने वाले एकमात्र शास्त्रीय गायक है तथा उन्होंने अपनी रूचि से खुद को कामयाब बनाया।