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करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की घटती संख्या के कारण नए कदम की तैयारी

श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्‍या लगातार घट रही है। ऐसे में केंद्र और पंजाब सरकार चिंतित हैं व नया कदम उठाने की तैयारियां की जा रही हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 02:31 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 02:31 PM (IST)
करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की घटती संख्या के कारण नए कदम की तैयारी
करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की घटती संख्या के कारण नए कदम की तैयारी

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। बड़ी धूमधाम से पाकिस्‍तान स्थित श्री करतारपुर गुरुद्वारा साहिब जाने के लिए भारत-पाकिस्‍तान के बीच कॉरिडोर का निर्माण हुआ। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर का शुभारंभ किया तो पाकिस्‍तान में वहां के पीएम इमरान खान ने इसका आगाज किया। लेकिन, अब वहां जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्‍या में लगातार कमी आ रही है। प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं के जाने की मंजूरी है, लेकिन औसतन 500 श्रद्धालु भी कॉरिडोर से नहीं जा रहे। इस बारे में चितिंत केंद्र और पंजाब सरकार नए कदम उठा सकती है। इसके लिए विचार को चंडीगढ़ में 28 फरवरी को उच्‍चस्‍तरीय बैठक होगी।

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5000 श्रद्धालुओं की जगह प्रतिदिन औसतन 500 श्रद्धालु भी नहीं जा रहे करतारपुर साहिब

बता दें कि पाकिस्‍तान के गृहमंत्री एजाज शाह ने पिछले दिनों करतारपुर साहिब कॉरिडोर के रास्ते गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए पासपोर्ट की शर्त को खत्म करने की बात कही थी। वैसे पाकिस्‍तान ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। भारत में इस बात पर विचार हो रहा है कि आखिर करतारपुर साहिब के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की गिनती कम क्यों है? इनके पीछे के कारणों की जांच करने के लिए पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के अधिकारियों की 28 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय से संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे। इसकी पुष्टि अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव सतीश चंद्रा ने की है।

28 फरवरी को मुद्दे परहोगी केंद्र व पंजाब के अधिकारियों की बैठक, पासपोर्ट की शर्त भी है रुकावट

करतारपुर कॉरिडोर को खुले तीन महीने से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन एक भी दिन ऐसा नहीं बीता, जब 1700 से ज्यादा श्रद्धालु करतारपुर साहिब माथा टेकने के लिए गए हों। शनिवार और रविवार को लगभग 1600-1700 श्रद्धालु माथा टेकने के लिए जाते हैं, जबकि आम दिनों में यह संख्‍या 500 से भी कम रहती है।

उच्च पदस्थ विभागीय सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से पासपोर्ट की शर्त लगाने के चलते लोगों में उतना उत्साह नहीं दिखाया जा रहा है, जितनी की आशा की जा रही थी। पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने से पहले केवल 500 लोगों को जाने की अनुमति दी थी। मगर, भारत के दबाव के चलते इसे 5000 कर दिया गया और विशेष समारोहों के अवसर पर यह गिनती दस हजार तक करने की अनुमति दे दी। मगर, अभी तक एक दिन भी ऐसा नहीं आया, जब 5000 लोग माथा टेकने के लिए गए हों।

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यह हैं मुख्य कारण

माना जा रहा है कि लोगों के पास पासपोर्ट न होना, पासपोर्ट पर पाकिस्तान की मुहर लगने का भय होना, पासपोर्ट बनाने के लिए केंद्रों की कमी होना व 20 डॉलर फीस लगना आदि प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा और क्या क्या कारण हो सकते हैं, इन पर भी विचार करके रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी, ताकि वे पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत करें।

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पासपोर्ट बनाने के लिए तीन नए केंद्र बनेंगे

पंजाब सरकार ने तीन नए पासपोर्ट केंद्र बनाने के लिए मुख्यमंत्री को फाइल भेजी है। सतीश चंद्रा ने बताया कि इससे पासपोर्ट बनाने के काम में तेजी आएगी।

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ये होंगे बैठक में शामिल

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी, क्षेत्रीय पासपोर्ट अफसर, रेवेन्यू विभाग के अधिकारी व इंटेलिजेंस विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।

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