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बाजवा ने की एजी को हटाने की मांग, अमरिंदर का जवाब- आपकी योग्यता नंदा को परखने की नहीं

सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा के बीच जंग जारी है। बाजवा ने एजी अतुल नंदा को हटाने की मांग की तो कैप्‍टन ने कहा कि आपकी योग्‍यता नंदा को परखने की नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 12:53 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:58 AM (IST)
बाजवा ने की एजी को हटाने की मांग, अमरिंदर का जवाब- आपकी योग्यता नंदा को परखने की नहीं
बाजवा ने की एजी को हटाने की मांग, अमरिंदर का जवाब- आपकी योग्यता नंदा को परखने की नहीं

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और राज्‍यसभा सदस्‍य प्रताप सिंह बाजवा के बीच जंग थमने का नाम नहींं ले रहा है। दोनों नेता अब पंजाब के एडवोकेट जरनल (एजी) अतुल नंदा को लेकर आमने सामने आ गए हैं। बाजवा ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह काे पत्र लिखकर नंदा को एजी पद से हटाने की मांग की। इस पर कैप्‍टन अमरिंदर ने उनको जवाब दिया कि आपकी योग्‍यता नंदा को परखने की नहीं है। मेरी सरकार के कामकाज में हस्‍तक्षेप बंद करें। नंदा हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के गुस्से का शिकार भी हुए थे।

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बाजवा के पत्र के जवाब में कैप्‍टन ने कहा- मेरी सरकार के मामले में हस्‍तक्षेप बंद करें

बाजवा ने एडवोकेट जनरल (एजी) पर हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर अतुल नंदा को बर्खास्त करने की मांग की है। पत्र में बाजवा ने कहा कि आपसे नजदीकी के कारण हुई एजी की नियुक्ति पंजाब को भारी पड़ रही है। इस पर पलटवार करते हुए कैप्टन ने बाजवा से कहा कि आपकी योग्यता नंदा को परखने की नहीं है। मेरी सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप बंद करें।

राज्यसभा सदस्य बाजवा का एजी पर हमला, पूछा- और कितने केस हरवाने हैं

बाजवा ने पत्र में कहा है कि सरकार की ओर से आधा दर्जन से ज्यादा केस हारना इस बात का सुबूत है कि एजी अपने काम में अयोग्य हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए दो अहम पदों पर दो लोग नियुक्त हुए थे। इनमें उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार और डीजीपी दिनकर गुप्ता शामिल हैं। नंदा दोनों केस सरकार को जितवा नहीं सके।

हारे हुए केस गिनाए 

बाजवा ने कैप्टन को केसों की सूची भी भेजी है। बाजवा ने कहा कि नंदा एसटीएफ की ओर से हाई कोर्ट में सौंपी गई ड्रग्स की रिपोर्ट के केस नहीं लगवा सके, जिससे पता चलता कि इसमें कौन-कौन से लोग शामिल हैं, जबकि सरकार ने चुनाव से पहले नशे के खिलाफ मुहिम चलाई थी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में कोयले का केस हारने पर भी पंजाब के लोगों पर करोड़ों रुपये का बोझ पड़ा है। मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार का केस भी सरकार हारी है। माइनिंग, जालंधर लैदर कांप्लेक्स, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के केसों में भी सरकार को मुंह की खानी पड़ी है। यही हाल बेअदबी के केसों का  हुआ है।

कैप्‍टन ने बाजवा से कहा- किसे रखना या हटाना है, यह बताना आपका काम नहीं

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रताप सिंह बाजवा के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि एडवोकेट जनरल के रूप में किसे रखना या हटाना यह बताना आपका काम नहीं है। मुझे अपने एजी पर पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि न तो आप अतुल नंदा की योग्यता को परखने के योग्य हैं और न ही आपको सरकार के उन कामों में हस्तक्षेप करने का अधिकार है, जिनके बारे में आपको रत्ती भर भी जानकारी नहीं है। आप जिन केसों की बात कर रहे हैं, उनमें तो अतुल नंदा पेश ही नहीं हुए। इससे साफ जाहिर है कि आपकी जानकारी ही नहीं है।

कहा- सांसद का व्यवहार बेहूदा

मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर प्रताप सिंह बाजवा के शाब्दिक हमले को आधारहीन, राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि सांसद का व्यवहार बेहूदा होता जा रहा है।

मैं कैप्टन के प्रति जवाबदेह हूं, बाजवा या जाखड़ को नहीं: नंदा

पूरे मामले पर पंजाब सरकार के एजी अतुल नंदा ने चुप्पी तोड़ते हुए एक टीवी चैनल पर कहा कि मेरे काम का आकलन करने का अधिकार सरकार को है। मैं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति जवाबदेह हूं, प्रताप सिंह बाजवा या सुनील जाखड़ के प्रति नहीं।


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