मोहाली के सेक्टर-117 और 118 में रजिस्ट्री रोकने की सिफारिश, जानें क्या है मामला
पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के कारण मोहाली एयरपोर्ट रोड पर स्थित सेक्टर-117 और 118 की रजिस्ट्री पर रोक लगाने कि सिफारिश की गई है। वहीं टीडीआइ डेवलपर्स से तंग दोनों सेक्टर्स के लोगों ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिकायत दी थी।
मोहाली, जेएनएन। मोहाली एयरपोर्ट रोड पर स्थित सेक्टर-117 और 118 में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के कारण पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने रेवेन्यू विभाग को रजिस्ट्ररी पर रोक लगाने की सिफारिश की है। टीडीआइ डेवलपर्स से तंग दोनों सेक्टर्स के लोगों ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि टीडीआइ डेवलपर्स की ओर से पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
पीपीसीबी को बताया कि डेवलपर्स ने उस जगह को सीवरेज का डंप बना दिया। जिसे गमाडा की ओर से पास किए गए नक्शे में पार्क दिखाया गया है। यानि पार्क की जगह पर डेवलपर्स ने सीवरेज डंप बना दिया है। इस सीवरेज डंप के साथ रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम चालू कर दिया गया है। गमाडा से पास प्रोजेक्ट के नक्शे में यह रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम पार्क के पास था। लेकिन वास्तव में यहां सीवरेज का डंप था जिसके ओवरफ्लो हो जाने से गंदा पानी हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए जमीन के भीतर जाकर भूजल को प्रदूषित कर रहा था। पीपीसीबी ने शिकायत के बाद मौके पर जाकर जांच की तो लगाया गया आरोप सही पाया।
पीपीसीबी ने रेवेन्यू विभाग के साथ-साथ पावरकॉम को भी इन दोनों सेक्टर्स में नए बिजली कनेक्शन देने पर रोक लगाने की मांग की है। पीपीसीबी की सिफारिश के मुताबिक जब तक टीडीआइ डेवलपर्स पर्यावरण संरक्षण के लिए तय नियमों का पालन नहीं करेंगे तब तक न तो सेक्टर 117 और 118 में प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त ही की जा सकेगी और न ही नए बिजली कनेक्शन ही मिल पाएंगे। ध्यान रहे कि टीडीआइ सिटी के सेक्टर 117 और 118 के लोग पिछले 16 दिन से डेवलपर्स के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। यह लोग इन सेक्टर्स में मूलभूत सुविधाओं तक की कमी से जूझ रहे हैं।
रेजिडेंट्स एसोसिएशन के उप प्रधान संजीव सोनी ने कहा कि कंपनी ने इन सेक्टर्स में कोई सुधार नहीं किया। इसके बावजूद गमाडा से उसे हरी झंडी मिलती रही। धरने पर बैठे एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप राजपूत, नीलम, डीएस पठानिया, मोहिंदर पाल, केशव धीमान और राकेश धीमान ने बताया कि कंपनी सुविधाओं को दुरुस्त करने की मौखिक सहमति तो दे रही है, लेकिन लिखित सहमति देने में आनाकानी कर रही है। इन लोगों का कहना है कि जब तक उनके क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं सही ढंग से उपलब्ध नहीं करवाई जाएंगी, तब तक कंपनी के खिलाफ धरना जारी रहेगा।
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