डंपिग ग्राउंड के धुएं ने शहर की आबोहवा में घोला जहर
डंपिग ग्राउंड केवल आस-पास के एरिया के लिए ही नहीं बल्कि पूरे सिटी ब्यूटीफुल के लिए नासूर बन चुका है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डंपिग ग्राउंड केवल आस-पास के एरिया के लिए ही नहीं बल्कि पूरे सिटी ब्यूटीफुल के लिए नासूर बन चुका है। इसकी बदबू भी शहर की हवा को प्रदूषित कर रही है। तीन दिनों से सुलगती आग के साथ निकलते धुएं ने शहर की आबोहवा में जहर घोल दिया है। इससे प्रदूषण का स्तर 50 प्वाइंट से अधिक बढ़ गया है। दो दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 100 मीटर प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक दर्ज किया गया है, जबकि आग लगने से पहले तक यह 50 से 80 के बीच में चल रहा था।
शुक्रवार शाम को शहर का एक्यूआइ 118 प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। वीरवार को यह 114 एक्यूआइ था। तेज हवाओं की वजह से डंपिग ग्राउंड से निकला धुआं और जहरीली गैस पूरे शहर में फैल गई। इससे साउथ सेक्टरों में दो दिनों से सांस लेना तक दूभर हो रहा है। कई किलोमीटर दूर तक इसका प्रभाव है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं जो लोग डड्डूमाजरा और सेक्टर-38 और सेक्टर-25 में रहते हैं उनकी कैसी हालत होगी। तीन दिन से लोगों को सुबह शाम सैर करते वक्त भी साफ हवा नहीं मिल रही।
वहीं अगर साथ लगते पंचकूला की बात करें तो यहां एक्यूआइ 100 से नीचे ही चल रहा है, जबकि हमेशा चंडीगढ़ का एक्यूआइ पंचकूला से कम रहता है। इससे साफ है कि प्रदूषण का जो असर दिख रहा है वह डंपिग ग्राउंड से निकले धुएं का ही है। एक्यूआइ की 0-50 के बीच स्थिति बेहतर मानी जाती है। 51-100 के बीच संतोषजनक और 101 से 200 के बीच थोड़ा खराब माना जाता है। जबकि 201-300 को खराब माना जाता है। इससे अधिक को बेहद खराब और गंभीर स्थिति में माना जाता है। तापमान बढ़ने पर समस्या होगी गंभीर
डंपिग ग्राउंड की भयावय तस्वीर डराने वाली रही। अभी तो गर्मी अपने चरम पर नहीं है। जब तापमान 40 डिग्री के पर होगा उस दौरान हालात गंभीर हो सकती है। हर साल गर्मियों में डंपिग्र ग्राउंड में आगजनी होती ही रहती है। इसका सफल प्रबंधन नहीं हुआ तो यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। प्रशासन को अभी से इसके बारे में सोचना होगा। मुख्य शहरों में प्रदूषण की स्थिति
चंडीगढ़ 118
पंचकूला 93
जालंधर 81
लुधियाना 86
फतेहगढ़ साहिब 233
अंबाला 78
नई दिल्ली 164
गुरुग्राम 214