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चंडीगढ़ नगर निगम कमिश्नर को एक्सटेंशन पर भी राजनीति, भाजपा पक्ष में नहीं, कांग्रेस ने जताया आभार

चंडीगढ़ नगर निगम कमिश्नर केके यादव को तीन माह के लिए एक्सटेंशन दी गई है। चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं पार्षद सतीश कैंथ केंद्र ने प्रशासक का आभार जताया है। वहीं भाजपा नेता कमिश्नर को एक्सटेंशन देने के पक्ष में नहीं थे।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 08:51 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 08:51 AM (IST)
चंडीगढ़ नगर निगम कमिश्नर को एक्सटेंशन पर भी राजनीति, भाजपा पक्ष में नहीं, कांग्रेस ने जताया आभार
चंडीगढ़ नगर निगम कमिश्नर को एक्सटेंशन पर भी राजनीति।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ नगर निगम कमिश्नर केके यादव को तीन माह के लिए एक्सटेंशन दी गई है। कमिश्नर को दी गई एक्सटेंशन पर भी अब राजनीति शुरू हो गई है। चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं पार्षद सतीश कैंथ केंद्र ने प्रशासक का आभार जताया है। वहीं, भाजपा नेता कमिश्नर को एक्सटेंशन देने के पक्ष में नहीं थे।

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बता दें कि गृह मंत्रालय ने केके यादव को तीन माह की एक्सटेंशन दी है। जबकि यादव का तीन साल का कार्यकाल पिछले माह पूरा हो चुका था, लेकिन कोरोना के कारण प्रशासन ने तीन माह के लिए एक्सटेंशन देने की मंजूरी केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से मांगी थी। ऐसे में अब कमिश्नर केके यादव अगस्त तक नगर निगम में काम करेंगे। जबकि पंजाब सरकार यूटी प्रशासन को आइएएस केके यादव को वापस भेजने के लिए पत्र भी लिख चुकी है। कमिश्नर केके यादव एक्सटेंशन नहीं चाहते थे, लेकिन प्रशासक वीपी सिंह बदनौर उन्हें तीन माह के लिए अभी चंडीगढ़ में ही रखना चाहते थे। मालूम हो कि प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का भी कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। ऐसे में अब प्रशासक और कमिश्नर का कार्यकाल एक साथ ही समाप्त होगा।

भाजपा कमिश्नर के पक्ष में नहीं

वहीं, चंडीगढ़ भाजपा नगर निगम कमिश्नर केके यादव को एक्सटेंशन देने के पक्ष में नहीं थी, क्योंकि पिछले तीन साल के कार्यकाल में भाजपा अध्यक्ष एवं पूर्व मेयर अरुण सूद का कई बार कमिश्नर के साथ विवाद हुआ है। सदन में कई बार हंगामा हो चुका है। पानी के बढ़े हुए रेट के मामले पर भी भाजपा पार्षदों और कमिश्नर के बीच विवाद हो चुका है। वहीं, भाजपा के नेता पिछले साल कमिश्नर के खिलाफ धरने पर भी बैठ गए थे। भाजपा की ओर से कई बार प्रशासक को भी कमिश्नर की शिकायत लगाई जा चुकी है।

शहर में सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करवाने का क्रेडिट कमिश्नर को

कमिश्नर केके यादव का कार्यकाल पिछले माह 24 मई को खत्म हो गया था। कमिश्नर केके यादव ने सभी फाइलें भी निपटा ली थी। लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें रिलीव नहीं किया गया। इस साल दिसंबर माह में नगर निगम चुनाव भी हैं। कोरोना के कारण ही एक्सटेंशन पर भाजपा ने खुलकर विरोध नहीं किया। जब कमिश्नर केके यादव तीन साल पहले आए थे तो नगर निगम की सलाना कमाई 125 करोड़ की थी जो कि अब 400 करोड़ से ऊपर की हो चुकी है। शहर में सूखा और गीला कचरे का सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करवाने का क्रेडिट कमिश्नर को ही जाता है। तीन साल के कार्यकाल में कमिश्नर केके यादव का हर मेयर के साथ अच्छी टूयनिंग रही है। कोरोना की पहली लहर में कमिश्नर खुद ही सेक्टर-26 मंडी सुबह सुबह पहुंच जाते थे। कमिश्नर केके यादव के पास स्मार्ट सिटी के सीईओ का भी चार्ज है, ऐसे में एक्सटेंशन मिलने से अब वह तीन माह के लिए इस पद पर भी रहेंगे।


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