चंडीगढ़ की राजनीतिः नगर निगम के नए सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर तस्वीर से गायब
चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में जीत के बाद नए मेयर रविकांत शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर महेश इंद्र सिद्धू और डिप्टी मेयर फरमिला देवी चंडीगढ़ प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से भेंट करने गए थे। वहां से जारी तस्वीर में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर गायब हो गए।
चंडीगढ़ जेएनएन। आठ जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव जीतने के तुरंत बाद मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मिलने गए। मुलाकात के बाद नगर निगम की ओर से मेयर की प्रशासक के साथ गुलदस्ता पकड़ाते हुए की दो तस्वीरें भी मीडिया के लिए जारी की गईं, लेकिन इस तस्वीर से सीनियर डिप्टी मेयर महेश इंद्र सिद्धू और डिप्टी मेयर फरमिला देवी गायब रहीं।
ऐसे में अब राजनीति गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि जब रविकांत शर्मा पिछले साल खुद सीनियर डिप्टी मेयर के पद पर थे तब वह अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाते थे, लेकिन अब मेयर बनने के बाद खुद को ही चमका रहे हैं। चाहते तो सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के साथ प्रशासक को मिलने की तस्वीर जारी करवा सकते थे। जबकि इस मुलाकात के दौरान भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद भी मौजूद थे।
यह कैसा विरोध
इस साल नगर निगम के चुनाव के कारण कांग्रेस और भाजपा पार्षदों में जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस पार्टी के पार्षदों को मेयर के सरकारी कार्यक्रमों में भी जाने से रोका जा रहा है। यदि कोई पार्षद चला जाता है तो कांग्रेस के आला नेता उससे नाराज हो जाते हैं। हाल ही में मेयर की ओर से सेक्टर-22 में लोहड़ी का कार्यक्रम आयोजित किया गया और उसके बाद मेयर हाउस में सभी पार्षदों का लंच रखा गया। मेयर ने सभी पार्षदों को खुद टेलीफोन कर आमंत्रित किया। कार्यक्रम में चंद कांग्रेस पार्षद जाना भी चाहते थे, लेकिन वह आला नेताओं की नाराजगी के डर से नहीं गए। वह भी सोच रहे हैं कि इस तरह से सरकारी कार्यक्रमों में न जाकर किस बात का विरोध किया जा रहा है, जब पार्षद बने है तो जाना तो पड़ेगा ही। कार्यक्रम में जाएंगे तो लोगों से मिलेंगे। ऐसा होने से पार्टी को ही फायदा होगा। उधर, जब मेयर ने कार्यक्रम में न आने का कारण पूछा तो कांग्रेस पार्षदों ने पार्टी द्वारा रोकने की बात न बताकर अलग-अलग बहाने निगा दिए।
मैडम का खौफ
नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ दस्ते में एक मात्र महिला सब इंस्पेक्टर भूपेंद्र कौर हैं, जिसका बाजार में अतिक्रमण करने वालों में काफी खौफ है। वजह यह है कि वह फिल्ड में किसी की भी सिफारिश नहीं मानतीं। यहां तक कि पार्षद भी उनसे सिफारिश करने से डरते हैं, क्योंकि वह अतिक्रमण करने वालों का चालान जरूर काटती हैं। ऐसे में अधिकतर पार्षद यह चाहते हैं कि उनके एरिया में यह महिला सब इंस्पेक्टर न लगे। अधिकारियों को भी पता है कि यह महिला सब इंस्पेक्टर किसी से दबने वाली नहीं है। ऐसे में हर दिन कार्रवाई के दौरान उनके साथ एरिया में किसी न किसी से नोकझोंक जरूर होती है। इस समय इस महिला कर्मचारी की ड्यूटी सेक्टर-22 से 25 के एरिया में है। ऐसे में अब उनके एरिया में फडिय़ां तभी लगती हैं, जब मैडम की ड्यूटी खत्म हो जाती है। हर चार से पांच माह बाद सभी सब इंस्पेक्टरों के एरिया बदले जाते हैं। ऐसे में सेक्टर-22 और 23 के कई फड़ी वाले मैडम का एरिया बदलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
भर्ती से पहले खटपट शुरू
इस समय नगर निगम के एमओएच विंग में अस्थायी चालक रखे जा रहे हैं, लेकिन भर्ती से पहले ही खटपट शुरू हो गई है। यह चालक सूखे और गीले कचरे के सेग्रीगेशन सिस्टम के लिए आई नई गाडिय़ों में तैनात होंगे। लेकिन भर्ती से ऐन पहले ही पैसे के लेन-देन की अफवाह जोरों पर है। ऐसे में अब यदि कोई अधिकारी, शहरवासी, नेता और पार्षद किसी को रखवाने की सिफारिश करता है तो उसे भी शक की निगाह से देखना शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में अब कई पार्षद और नेता बुरी तरह से फंस गए हैं। अगर वह सिफारिश नहीं करते हैं तो उनसे लोग नाराज होते हैं। अगर सिफारिश करते हैं तो अधिकारियों में गपशप शुरू हो जाती है। जबकि इस भर्ती में चंडीगढ़ के युवाओं को प्राथमिकता देने का फैसला हुआ है। कमिश्नर ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई शिकायत आने पर दोषी पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वह अधिकारी कितने भी बड़े पद पर क्यों न हो।