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चंडीगढ़ कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने जिलों में ही रोका, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

पुलिस ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन के लिए आ रहे किसानों को जिलों में ही रोक दिया है। गुस्साए किसानों ने इसके बाद वहींं बैठकर मार्ग जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 12:53 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 08:27 AM (IST)
चंडीगढ़ कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने जिलों में ही रोका, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन
चंडीगढ़ कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने जिलों में ही रोका, सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

जेएनएन, मोहाली/संगरूर। पंजाब की विभिन्न किसान यूनियनों द्वारा रविवार को चंडीगढ़ में बुलाई गई राज्यस्तरीय रैली को रोकने के लिए प्रदेशभर में पुलिस सतर्क रही। किसानों को जिलों में ही रोक दिया गया।हालांकि कुछ किसान फिर भी चंडीगढ़ की सीमा से सटे मोहाली तक पहुंच गए। किसानों को मोहाली फेज-8 के दशहरा ग्राउंड से चंडीगढ़ कूच करना था, लेकिन पाबंदी होने के चलते पुलिस नेे उन्हेंं वहीं रोक दिया। डीसी मोहाली गिरीश दियालन व एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल खुद दशहरा ग्राउंड में मौजूद रहे।

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बलौंगी आउटर, एयरपोर्ट रोड व जीरकपुर से मोहाली में एंटर होने वाले रास्ते पुलिस ने सील किए हुए थे, परंतु रविवार बाद दोपहर कुछ प्रदर्शनकारी मोहाली रेलवे स्टेशन पहुंचे। 70 लोगों के काफिले ने रेलवे स्टेशन पर ही नारेबाजी करनी शुरू की तो पुलिस ने उन्हें शांति बनाए रखने का हवाला देते हुए वहीं घेर लिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस चार बसों में बिठाकर अपने साथ खरड़ थाने ले गई।

कोर्ट ने मांगा था जवाब

कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटाए जाने के मुद्दे पर पंजाब की जत्थेबंदियों द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर लॉ एंड आर्डर खराब होने सबंधी कोर्ट में अपील की गई थी। कोर्ट ने इस मुद्दे पर डीजीपी पंजाब से जवाब मांगा था। जिसको लेकर ग्राउंड वर्क जानने के लिए डीसी मोहाली ने अलग-अलग विभागों की 14 सितंबर को मीटिंग लेकर रिपोर्ट तैयार की। इस मीटिंग में एसएसपी, दमकल विभाग, मोहाली के काउंसलर व सभी थानों के एसएचओ मौजूद थे।

अपनी रिपोर्ट में एसएसपी ने बताया था कि इस समय कश्मीरियों का मुद्दा काफी संवेदनशील है, क्योंकि यहां काफी कश्मीरी लोग रहते हैं। जिस कारण शहर का महौल खराब हो सकता है। काउंसलरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मोहाली का एरिया काफी कंजस्टेड है। रोष प्रदर्शन केे दौरान लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं दमकल विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रदर्शन केे दौरान होने वाली अप्रिय घटना में कम समय में ज्यादा गाड़ियों का प्रबंध नहीं हो सकता, इसलिए जत्थेबंदियों के प्रदर्शन पर रोक लगाई जाए। माहौल खराब न हो इसलिए डीसी मोहाली ने धारा 144 लागू कर प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।

वहीं, संगरूर से चंडीगढ़ राज्यस्तरीय रैली में भाग लेने के लिए आ रहे किसानों को पुलिस ने मैहलां चौक के समीप रोक दिया। इसके बाद गुस्साए किसान मैहलां चौक पर धरने पर बैठ गए और आवाजाही ठप कर दी। सैकड़ों किसान मौके पर मौजूद हैं। भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां धरने की अगुवाई कर रहे हैं। उधर, बठिंडा से भी किसान प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ कूच कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया। इसकेे बाद गुस्साए किसानों ने बठिंडा-चंडीगढ़ रोड पर जाम लगा दिया।

बठिंडा-चंडीगढ़ रोड पर भुच्चो  के पास धरना देते किसान।

अमृतसर में फूंका पुतला

अमृतसर में किसानों ने किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान सरवन सिंह पंढेर की अगुुवाई में गोल्डन गेट के पास केंद्र की सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान किसानों ने पीएम मोदी का पुतला फूंका और सड़क जाम की। इस दौरान किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की।

अमृतसर में किसानों को समझाती पुलिस। 

रोष मार्च की नहीं ली मंजूरी

बता दें, पंजाब की किसान यूनियनों और सामाजिक संगठनों की ओर से प्रस्तावित प्रदर्शन को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जिले में ही सीमित रखने के आदेश दिए हैं। संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के खिलाफ चंडीगढ़ में रोष मार्च निकालने के लिए पंजाब सरकार से अधिकारिक मंजूरी नहीं ली है।

इस प्रदर्शन के खिलाफ जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी व जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि जम्मू-कश्मीर व पंजाब की सीमा पर चेकिंग के दौरान एक ट्रक में हथियार बंद आंतकी की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के सभी जिलों में धारा 144 लगा दी गई है।

बठिंडा में किसानों को चंडीगढ़ जाने के लिए रोकने को पुलिस ने  नाकाबंदी की। 

सरकार ने हाई कोर्ट में की थी प्रदर्शन पर रोक की मांग

पंजाब सरकार के वकील ने हाई कोर्ट बताया था कि इन संगठनों ने अब तक धरने या प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली है। नियमों के तहत किसी भी प्रकार के धरने या प्रदर्शन से पहले संबंधित जिले के उपायुक्त से अनुमति लेना आवश्यक है। पंजाब सरकार की ओर से इस प्रदर्शन पर अदालत की ओर से रोक लगाए जाने की मांग पर हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत किसी को प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकती, लेकिन अगर सरकार चाहे तो वह ऐसा कर सकती है।

प्रदर्शन जिलों तक सीमित रखने के दिए थे आदेश

इसके बाद हाई कोर्ट ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए थेे कि अगर कोई प्रदर्शन आयोजित किया जाता है तो उसे संबंधित जिले तक ही सीमित रखा जाए, ताकि अन्य क्षेत्र उससे प्रभावित न हों। हाईकोर्ट ने कहा है कि पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन धरना प्रदर्शनों के विषय में अदालतों की ओर से जारी दिशा निर्देशों की अनुपालना को सुनिश्चित करें। इसके बाद राज्य के सभी जिलों में धारा 144 लगा दी गई थी। 

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