Move to Jagran APP

कीमती हैं सासें... ऑक्सीजन टैंकर को चंडीगढ़ तक पहुंचाने के लिए एस्कॉर्ट करगी पुलिस, DGP को लिखा पत्र

कोरोना मरीजों के लिए इस समय सबसे जरूरी मेडिकल ऑक्सीजन है। हालांकि चंडीगढ़ में अभी तक हालात बेहतर हैं। बावजूद ऑक्सीजन की कमी और देरी से किसी मरीज की जान न जाए इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन भरसक प्रयास कर रहा है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 11:23 AM (IST)
कीमती हैं सासें... ऑक्सीजन टैंकर को चंडीगढ़ तक पहुंचाने के लिए एस्कॉर्ट करगी पुलिस, DGP को लिखा पत्र
ऑक्सीजन टैंकर को चंडीगढ़ तक पहुंचाने के लिए एस्कॉर्ट करगी पुलिस।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना मरीजों के लिए इस समय सबसे जरूरी मेडिकल ऑक्सीजन है। देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जान जा रही है। हालांकि चंडीगढ़ में अभी तक हालात बेहतर हैं। बावजूद ऑक्सीजन की कमी और देरी से किसी मरीज की जान न जाए इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन भरसक प्रयास कर रहा है।

prime article banner

चंडीगढ़ के हेल्थ कम प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम एके गुप्ता ने डीजीपी संजय बेनिवाला को इनोक्स बारोटीवाला बद्दी से चंडीगढ़ पहुंचने वाले मेडिकल ऑक्सीजन टैंकर की सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट मुहैया कराने के लिए पत्र लिखा है। गुप्ता ने कहा कि सीएचबी सीईओ कम नोडल अधिकारी ऑक्सीजन ने सुरक्षा को देखते हुए एस्कॉर्ट की जरूरत बताई है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी से चंडीगढ़ आने वाली लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए इसे जरूरी बताया है। यह पहुंचने का समय कम करेगा साथ ही किसी अनावश्यक समस्या से भी बचाएगा।

बता दें केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को रोजाना 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कोटा  तय कर रखा है। यह बद्दी से ही चंडीगढ़ पहुंचता है। ऑक्सीजन की जरा भी देरी जान लेती रही है यह वाक्या यहां न हो इसलिए ऐसा प्रावधान करने की मांग की है।

कोरोना मरीज को स्मार्ट मोबाइल रखने की मंजूरी नहीं

कोविड वार्ड में अभी तक मरीजों को मोबाइल फोन रखने की मंजूरी नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि पहले कई बार मरीज मोबाइल फोन से फोटो, वीडियो लेने के बाद उसे वायरल करते थे। यह मेडिकल स्टाफ और दूसरे पेशेंट की मर्जी के खिलाफ था। इसको देखते हुए आइसीयू के अंदर फोन को मंजूरी नहीं रहेगी। पेशेंट की उसके स्वजनों से मोबाइल इंटरेक्शन विशेष तौर पर उपलब्ध टैबलेट्स से कराई जाएगी। कोविड वार्ड में नॉन स्मार्ट फोन (बटन फोन) की मंजूरी रहेगी। इसके साथ यह शर्त रहेगी कि मरीज के फोन रखने से किसी को परेशानी न हो वह शोर न करे। ऐसा करने पर उसको यह सुविधा वार्ड में बाकी समय के लिए नहीं मिलेगी। यह निर्णय सीएचबी चीफ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कम नोडल अधिकारी जीएमसीएच यशपाल गर्ग की अगुवाई में वर्चुअल मीटिंग में लिया गया। इसके अलावा वार्ड में कोविड पेशेंट के स्वजनों की एंट्री पर रोक रहेगी। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि एंट्री से इंफेक्शन फैलने का खतरा अधिक रहेगा। पीपीई किट और दूसरे नियमों का पालन नहीं होगा। केवल नेत्रहीन जैसे दिव्यांग पेशेंट के स्वजन को ही विशेष मंजूरी रहेगी।

कोविड वार्ड में वेंटिलेटर ठीक करने से इन्कार

जीएमसीएच-32 के सीवी 200 वेंटिलेटर की रिपेयर के लिए जो इंजीनियर बुलाया था उसने कोविड वार्ड में दाखिल होकर वेंटिलेटर ठीक करने से इन्कार कर दिया। तर्क दिया कि उनकी कंपनी की यह पॉलिसी है। इसके बाद नए इंजीनियर को हायर किया गया है। स्पेयर पार्ट आने पर कुछ दिनों में छह वेंटीलेटर काम करना शुरू कर देंगे। 50 फ्लो सेंसर खरीदने की मंजूरी भी मिल गई है।वार्ड में अतिरिक्त अटेंडेंट सफाईकर्मी रखने के लिए 20 कर्मी रखे जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.