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कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा- अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की नीति स्पष्ट करें पीएम

पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थ व्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने की नीति को स्‍पष्‍अ करें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 09:55 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 09:55 AM (IST)
कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा- अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की नीति स्पष्ट करें पीएम
कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा- अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की नीति स्पष्ट करें पीएम

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अर्थ व्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने की नीति को स्‍पष्‍ट करना चाहिए। उन्‍होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर से लॉकडाउन 3 से बाहर निकलने की योजना की जानकारी मांगी है।

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सीएम ने पीएम मोदी को पत्र लिखा, कहा- लॉकडाउन से बाहर निकलने की योजना के बारे में जानकारी मांगी

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पैरों पर खड़ा करने के लिए अपनाई जाने वाली नीति के बारे में भी स्पष्ट रूप से जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने राज्यों के राजस्व घाटे की पूर्ति करने, कोविड-19 की रोकथाम व प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य संभाल और राहत मुहैया करवाने पर हो रहे खर्च के एवज में तीन महीने के लिए राजस्व अनुदान देने की मांग को भी दोहराया।

कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को निर्देश दिए थे कि वे प्रधानमंत्री से लॉकडाउन तय करने का मानक और लॉकडाउन-3 से बाहर निकलने के एक्जिट प्लान के बारे में जानकारी हासिल करें। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण गरीब वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और उनके सामाजिक व  आॢथक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यदि आम लोगों के जीवन के सामाजिक और आॢथक पहलुओं को फिर राह पर न लाया गया तो इससे समाज के अंदर मनोवैज्ञानिक विकार पैदा होंगे। नौकरियां छिनने और रोजगार के मौके हाथों से निकलने के कारण हमारे समाज में नागरिक अधिकारों और समान अवसरों के सिद्धांतों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजस्व अनुदान की मांग उठाने के अलावा केंद्र सरकार को 15वें वित्त आयोग द्वारा मौजूदा साल के लिए अपनी रिपोर्ट की समीक्षा करने की हिदायत देने के लिए भी कहा है। क्योंकि कोविड-19 के कारण स्थिति पूरी तरह बदल गई है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग को कोविड -19 के प्रभाव का लेखा-जोखा करने के बाद पांच साल के लिए फंड का वितरण साल 2020 की बजाय एक अप्रैल, 2021 से करना चाहिए।

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कहा- पासवान को गुमराह कर रहीं हरसिमरत कौर बादल

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल पर केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान को गुमराह करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा सप्लाई किए गए अनाज की राज्य में वितरण में किसी तरह की देरी को सिरे से खारिज कर दिया है।

कैप्टन ने पासवान के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि पंजाब को केंद्र सरकार द्वारा किए वायदे के विपरीत दाल की मात्रा 50 फीसद कम मुहैया करवाई गई है। दाल न होने के कारण केंद्र के निर्देशानुसार गेहूं का वितरण भी नहीं किया जा सका। पंजाब के गोदामों में पिछले साल का सौ लाख मीट्रिक टन चावल और 73 लाख मीट्रिक टन गेहूं पड़ा हुआ है। 135 लाख मीट्रिक टन गेहूं इस बार और जुड़ जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि खरीदे अनाज की ढुलाई तेज करने के लिए वह लगातार पासवान से संपर्क स्थापित कर रहे हैं ताकि अनाज खुले में खराब न हो जाए। केंद्र को लॉकडाउन के दौरान गोदामों से अनाज उठाकर गरीबों में बांट देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने कफ्र्यू में सूखे राशन के 15 लाख पैकेट बांटने के लिए अपने बजट में से खर्च किया है और हरेक पैकेट में दस किलो आटा, दो किलो दाल और दो किलो चीनी वितरित की गई है।

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