पांच साल पहले लॉन्च हुई पीएम आवास योजना का गरीबों को नहीं मिला लाभ
जिला मोहाली में प्रधानमंत्री आवास योजना को लॉन्च हुए पांच साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक योजना के तहत सस्ते मकान बनाने को लेकर मोहाली नगर निगम व ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की ओर से कोई काम शुरू नहीं किया गया है।
जागरण संवाददाता, मोहाली
जिला मोहाली में प्रधानमंत्री आवास योजना को लॉन्च हुए पांच साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक योजना के तहत सस्ते मकान बनाने को लेकर मोहाली नगर निगम व ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की ओर से कोई काम शुरू नहीं किया गया है। निगम तीन बस्तियों की अधिसूचना के लिए पंजाब सरकार को एक मसौदा तैयार कर भेजता है जोकि अभी तक नहीं भेजा गया है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए बनाई गई इस योजना को लेकर नगर निगम व गमाडा कितने लापरवाह हैं। हालांकि योजना के तहत जो लाभ देने थे वे चार चरणों में हैं, जिनमें से दो पर काम किया जा रहा है। मोहाली में तीन अविकसित कॉलोनियां
मोहाली शहर में तीन अविकसित बस्तियां हैं। जिनमें ऊधम सिंह कॉलोनी फेज-7 औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। जिसमें 210 घर हैं। 149 घरों के साथ मोहाली श्मशानघाट के पास गुरु नानक कॉलोनी और फेज-6 में बाल्मीकि कॉलोनी स्थित है, जिसमें 216 घर हैं। योजना के चार पड़ाव थे। जिस में क्रेडिट-लिकड सब्सिडी, बस्तियों का अंदरूनी विकास, लाभार्थियों को निर्माण के लिए फंड मुहैया करवाना शामिल था। निर्माण के लिए 84 लाख का भुगतान किया जाना है। ताकि कॉलोनी के लोगों के लिए अपना घर बनाने का अवसर मिले। दो विभागों की थी जिम्मेदारी
योजना को लागू करने की जिम्मेदारी दो विभागों पर थी। निगम को बस्तियों और लाभार्थी-आधारित निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था। जबकि ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण (गमाडा) को सस्ते आवास योजनाओं का निर्माण सौंपा गया था। योजना में से स्थानीय निकाय ने अब तक कुल 234 लाभार्थियों में से केवल 76 को 84 लाख का वितरण किया है। जबकि गमाडा की ओर से सस्ते मकान बनाने के लिए आज तक कोई पहल नहीं की है। इस साल 28 फरवरी को, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार ने वर्ष 2020-21 के दौरान 10,500 घर बनाने का फैसला किया था और ईडब्ल्यूएस के लिए राज्य भर में 13,500 घरों का निर्माण पहले ही किया जा चुका था। यह बोले निगम के अधिकारी
नगर निगम के एगजिक्यूटिव इंजीनियर और स्कीम के इंचार्ज नरिदर सिंह दलम ने बताया कि झुग्गियों का विकास कर उन्हें अधिसूचित करने के बाद ही किया जाता है। योजना के तहत मसौदा भेजने में देरी लॉकडाउन के कारण हुई है। लेकिन हम इसे जल्द ही भेजने की प्रक्रिया में हैं। ईडब्ल्यूएस को पैसे के बारे में हमने मोहाली के विभिन्न गांवों में एक सर्वेक्षण में 235 लाभार्थियों की पहचान की है और 76 लाभार्थियों के बीच 84 लाख का वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि मकान बनाने की जिम्मेदारी गमाडा की है।