सरकारी कार्यक्रमों व कार्यालयों में प्लास्टिक की बोतल और गिलास बैन
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सरकारी कार्यक्रमों और ऑफिस में अधिकारियों के पास अब प्लास्टिक की बोतल या
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सरकारी कार्यक्रमों और ऑफिस में अधिकारियों के पास अब प्लास्टिक की बोतल या गिलास दिखाई नहीं देगा। प्रशासन ने ऐसे सभी कार्यक्रमों और अधिकारियों के रोजाना इस्तेमाल में प्लास्टिक की बोतल और गिलास पर बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार के आदेशों पर यह फैसला लिया गया है। उनको साफ निर्देश दिए गए हैं कि वह वन टाइम इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करें। साथ ही दूसरों को भी इसके प्रति प्रेरित करें। इस साल वर्ल्ड इन्वायरमेंट का थीम भी 'बीट द प्लास्टिक' ही रखा गया है। भारत इस साल इन्वायरमेंट डे को होस्ट कर रहा है। उसके तहत प्लास्टिक को हटाने के खिलाफ एक अभियान छेड़ा गया है। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के अधिकारी ने बताया कि प्लास्टिक बेहद खतरनाक है। इसकी जगह कांच और मिट्टी का इस्तेमाल हो सकता है। कांच की बोतल का बार-बार इस्तेमाल हो सकता है। कांच की बाद में रीसेल वेल्यू भी है। शादी से लेकर पार्टी तक हर जगह प्लास्टिक
प्लास्टिक का चलन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जो बेहद खतरनाक है। शादी-पार्टियों, छबील और भंडारों तक में डिस्पोजेबल प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और कान्फ्रेंस-मीटिंग में पानी के लिए बोतलों का इस्तेमाल हो रहा है। 200 मिली लीटर से 1 लीटर की बोतलों का चलन सबसे अधिक है। रोज 450 टन का गारबेज
चंडीगढ़ में रोजाना 450 टन के आस-पास गारबेज की कलेक्शन होती है। 20 टन के आस-पास प्लास्टिक होती है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यह प्लास्टिक गारबेज में ही मिली होती है। इसका सेग्रीगेशन भी नहीं होता।