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पेक प्रोफेसर की टीम ने बनाया खास इलेक्ट्रेड मास्क जो कोरोना के साथ प्रदूषण से भी बचाएगा

कोरोना महामारी से बचाव में मास्क ही सबसे बड़ा हथियार है। एन-95 मास्क को अभी तक सबसे सेफ मास्क माना गया है लेकिन इसमें भी कोविड संक्रमण होने की संभावनाएं बनी रहती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 07:27 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 07:27 AM (IST)
पेक प्रोफेसर की टीम ने बनाया खास इलेक्ट्रेड मास्क जो कोरोना के साथ प्रदूषण से भी बचाएगा
पेक प्रोफेसर की टीम ने बनाया खास इलेक्ट्रेड मास्क जो कोरोना के साथ प्रदूषण से भी बचाएगा

जागरण संवाददाता, चंडीगढ :

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कोरोना महामारी से बचाव में मास्क ही सबसे बड़ा हथियार है। एन-95 मास्क को अभी तक सबसे सेफ मास्क माना गया है, लेकिन इसमें भी कोविड संक्रमण होने की संभावनाएं बनी रहती है। पंजाब इंजीनियरिग कालेज (पेक) और फोर्टिज हास्पिटल में न्यूजोलॉजी कंसल्टेंट की टीम ने खास इलेक्ट्रेड मास्क तैयार किया है। यह मास्क न सिर्फ कोरोना संक्रमण से बचाने में आम मास्क से कई गुणा किफायती साबित होगा, साथ ही यह दूसरे संक्रमण और प्रदूषण से भी लोगों को बचाएगा। पहले चरण के ट्रायल में मास्क के काफी अच्छे रिजल्ट आए हैं और इसे पेटेंट के लिए फाइल भी कर दिया गया है। पेक स्थित साइबर सिक्योरिटी रिसर्च सेंटर हेड और सीनियर प्रोफेसर डा. दिव्या बंसल की देखरेख में इलेक्ट्रेड मास्क तैयार किया गया है। मास्क तैयार करने में पेक और जीएमसीएच-32 के पांच स्टूडेंट्स का भी विशेष योगदान रहा है। प्रोजेक्ट से जुड़े डा. नीशित सावल बताते हैं कि इलेक्ट्रेड मास्क एन-95 मास्क से कई गुणा बेहतर रिजल्ट देगा। उन्होंने बताया कि यह मास्क खास तौर से दाड़ी रखने वालों के लिए फायदेमंद होगा। कोरोना थूक के कणों से ही अधिक तेजी से फैसला है। इलेक्ट्रेड मास्क से इसके संक्रमण के चांस नहीं के बराबर हो जाएंगे। यह मास्क इलेक्ट्रोस्टेटिक रिपल्शन थीम पर काम करेगा। पेटेंट के बाद जल्द ही मास्क मार्केट में उपलब्ध होगा। मास्क का रेट 40 से 50 रुपये तय किया जाएगा, ताकि इसका आम आदमी भी लाभ उठा सके। दिल्ली जैसे प्रदूषित शहरों में इस मास्क से लोगों को काफी राहत मिल सकेगी। मास्क तैयार करने में जीएमसीएच-32 के एमबीबीएस स्टूडेंट हरगुणबीर सिंह, मीरा, गुरमेहर सिंह हुंडल, तनिश मोदी के अलावा पेक में सीनियर इंजीनियर रिसर्च इंजीनियर सवीना सिगला ने भी अहम योगदान दिया है। आइआइटी रोपड़ में हुई टेस्टिग

यह जांचने के लिए कि मास्क की सामग्री किस वोल्टेज पर टिकेगी, ब्रेकडाउन परीक्षण किया गया। आइआइटी रोपड़ में प्रो. चंदू पतला चक्रधर रेड्डी की विशेष लैब में इस मास्क की टेस्टिग की गई है। ब्रेकडाउन डेटा का उपयोग करके हमें उस वोल्टेज का अंदाजा हो जाता है, जो मास्क को चार्ज करने के लिए सुरक्षित है या इसके द्वारा स्टोर किए जाने वाले चार्ज को निर्धारित करने के लिए और परीक्षण करता है। यह खास मास्क फिलहाल एक महीने तक चार्ज रह सकता है, जिसकी लाइफ छह महीने तक बढ़ाई जा सकेगी। मास्क में कुछ और बेहतर बदलाव की तैयारी है। राष्ट्रपति कोविन्द भी हुए पेक रोबोट के मुरीद

पेक के शताब्दी समारोह में शिरकत करने पहुंचे राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कोरोना काल में पेक स्टूडेंट्स ने आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को खाना, दवा और अन्य सामान पहुंचने के लिए तैयार किए गए रोबोट के लिए बधाई दी थी। राष्ट्रपति ने कहा था कि पेक मानव कल्याण के लिए बहुत अच्छा रिसर्च और इनोवेशन से जुड़े काम कर रहा है।


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