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चंडीगढ़ के जीएमएसएच-16 की ओपीडी में आए मरीज हुए परेशान, आप भी जान लें अस्पतालों की नई व्यवस्था

गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल (GMSH-16) सेक्टर 16 में सोमवार को ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों को अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जानकारी के अभाव के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। नई व्यवस्था की जानकारी न होने के कारण लोगों को परेशानी हुई।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 03:56 PM (IST)
चंडीगढ़ के जीएमएसएच-16 की ओपीडी में आए मरीज हुए परेशान, आप भी जान लें अस्पतालों की नई व्यवस्था
शहर के अस्पतालों में आज से नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है।

जागरण संवाददाता चंडीगढ़। गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल (GMSH-16) सेक्टर 16 में सोमवार को ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों को अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जानकारी के अभाव के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के अस्पतालों में आज से नई व्यवस्था शुरू की गई है, जिसकी लोगों को जानकारी नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ा। ऐसे में आप भी जान लें कि आज से क्या नई व्यवस्था की गई है।

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दरअसल कोरोना के नए वेरिएंट के डर से स्वास्थ्य निदेशक सुमन सिंह ने अब ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। बिना नेगेटिव कोविड-19 रिपोर्ट के मरीजों को ओपीडी में नहीं देखा जाएगा। यह फैसला स्वास्थ्य विभाग की ओर से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लिया गया है ताकि लोगों को संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सके।

बता दें कि चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने फैसला किया है कि अस्पतालों की ओपीडी में चेकअप के लिए आने वाले हर मरीज का पहले कोरोना टेस्ट किया जाएगा उसके बाद वह डॉक्टर से चेकअप कराएगा। ऐसे में जीएमसीएच-32, जीएमएसएच-16, मनीमाजरा और अन्य सरकारी अस्पताल में ओपीडी में दिखाने के लिए आने वाले मरीजों को आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी कर दिया है।

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स्वास्थ्य निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि ओपीडी के अलावा जो मरीज अब सर्जरी या ऑपरेशन के लिए आएंगे उन्हें भी पहले नेगेटिव कोविड रिपोर्ट लेकर आनी होगी। ताकि संक्रमण को अस्पताल में और मरीजों में फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य लोगों की जान को संक्रमण से सुरक्षित रखना है।

डॉ सुमन सिंह ने कहा कि शहर में इस समय एक लाख 80 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी बाकी है। यह लोग 12 से 16 हफ्ते का समय पूरा कर चुके हैं। विभाग का लक्ष्य है कि दिसंबर के अंत तक इन सभी लोगों को वैक्सीन की दूसरी दोज लगा दी जाए। ताकि अगर तीसरी लहर दस्तक देती है तो वैक्सीनेशन की वजह से लोग संक्रमण से बच सके।


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