कम रेट से सिर्फ एक दिन राहत, आज से फिर पार्किग के दोगुने रेट
पार्किंग रेट कम होने की राहत महज एक दिन के लिए थी। कल से फिर वही पुराने पार्किंग के रेट अदा करने होंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पार्किंग रेट कम होने की राहत महज एक दिन के लिए थी। कल से फिर वही पुराने पार्किंग के रेट अदा करने होंगे। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कांट्रेक्ट रद करने के फैसले पर स्टे लगा दिया है। कांट्रेक्टर के पैसे जमा करवाने की अपील को मानते हुए जस्टिस एजी मसीह ने फिलहाल निगम के कांट्रेक्ट रद करने के फैसले को स्थगित कर दिया है। हाईकोर्ट ने नगर निगम की लाइसेंस नॉन पेमेंट को कांट्रेक्ट रद करने की वजह को देखते हुए कांट्रेक्टर से पैसे जमा कराने की पूछी तो उसने पेमेंट जमा कराने की बात कही।
ज्वाइंट कमिश्नर तेजदीप सिंह सैनी ने कहा कि वह अपने दम पर कांट्रेक्टर को समय दिए जाने का फैसला नहीं ले सकते। उसके बाद कोर्ट ने अपने स्तर पर उसे लाइसेंस फीस का एक तिहाई यानी 1.35 करोड़ रुपया बुधवार को ही जमा कराने के लिए कहा। जस्टिस मसीह ने कहा कि यह राशि नगर निगम के पास जमा कराने के बाद वह सभी पार्किंग की पजेशन ले सकता है। जबकि बाकी रकम ब्याज सहित 26 जुलाई तक जमा करानी होगी। बची रकम के भी उसे तीन पोस्ट डेटेड चेक देने होंगे।
एक चेक 16, दूसरा 21 और तीसरा 26 जुलाई का देना होगा। 7अगस्त को मामले की दोबारा सुनवाई में निगम को जवाब फाइल करना होगा कि कांट्रेक्टर ने पैसे जमा कराए या नहीं। कोर्ट में कांट्रेक्टर के वकील ने कहा कि अगर वह 26 जुलाई तक पैसे जमा कराने में विफल रहते हैं तो उन्हें 9 जुलाई को नगर निगम द्वारा जारी किए गए कांट्रेक्ट रद करने का फैसला मंजूर होगा। निगम ने इसलिए रद कर दिया था कांट्रेक्ट
कांट्रेक्टर ने पांचवें क्वार्टर की 3.69 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस एमसी को जमा नहीं करवाई थी। 19 जून को यह रकम बकाया हुई थी, जिसे 25 जून तक जमा कराना था। पर कांट्रेक्टर ने पैसे जमा नहीं कराए। एमसी ने शोकॉज नोटिस देकर उसे पब्लिक हिय¨रग का टाइम भी दिया। इसके बाद भी पैसे नहीं मिले तो 9 जुलाई को एमसी ने कांट्रेक्ट रद कर शाम तक सभी 25 पार्किंग और 1 मल्टी लेवल पार्किंग पर कब्जा भी ले लिया। बुधवार को नगर निगम ने पहले दिन ही पार्किंग खुद संभाली थी। एफएंडसीसी ने आधे कर दिए थे रेट
नगर निगम की फायनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) ने कांट्रेक्टर रद होते ही मंगलवार को स्पेशल मीटिंग बुलाकर पार्किंग रेट आधे कर दिए थे। टू व्हीलर के लिए 5 और फॉर व्हीलर के लिए 10 रुपये पार्किंग फीस तय की थी। कम करने के साथ ही रेट फ्लैट कर दिए गए थे। पहले की तरह घंटों के हिसाब से पार्किंग फीस नहीं लगने का फैसला लिया था। पर यह फैसला सिर्फ एक दिन बुधवार को ही लागू रहा। वीरवार से इस फैसले का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। पार्किंग कांट्रेक्टर ही सभी पार्किंग संभालेगा। साथ ही पुराने रेट ही कांट्रेक्ट के हिसाब से चार्ज करेगा। उसके ही इंप्लाइज पार्किंग में काम करेंगे। जबकि इन पार्किंग को संभालने के लिए एमसी ने अलग-अलग टीमें बनाकर 480 इंप्लाइज रखे थे। बुधवार को दो पहिया के 5 और चार पहिया के 10 रुपये देकर लोग काफी खुश थे। आए दिन जिस कार के दिनभर पार्क करने के लिए 100 रुपये देने पड़ते थे बुधवार को उसके लिए केवल 10 रुपये लगे थे। वीरवार से फिर जेब ढीली होगी। अब यह लगेंगे पार्किंग रेट
वीरवार से कांट्रेक्टर पार्किंग पर कब्जा ले लेगा। वह कांट्रेक्ट के हिसाब से ही पार्किंग चार्ज लेगा। 1 अप्रैल से पार्किग के रेट दोगुणे हो गए थे। यही रेट वीरवार से फिर देने होंगे। उसके बाद पहले चार घटों के लिए कार पार्किग के 20, 6 घटों के लिए 60, 10 घटों के लिए 80 रुपये पार्किग फीस लगेगी। दो पहिया वाहन पर पहले 4 घटों के लिए 10, 6 घटों के लिए 20, 8 घटों के लिए 30 और 10 घटों के लिए 40 रुपये देने होंगे। मिनी बस ट्रक के लिए 4 घटे के लिए 40, 6 घटों के लिए 80, 8 घटों के लिए 120, 10 घटों के लिए 160 और 10 घटों से अधिक समय के लिए 200 रुपये पार्किग फीस देनी होगी।
कोर्ट के आदेश पर उन्होंने बुधवार शाम 4 बजे एक तिहाई रकम जमा करा दी है। बाकी रकम भी करार अनुसार जमा करवा देंगे। वीरवार सुबह वह सभी पार्किंग का पजेशन ले लेंगे। सभी पार्किंग फिर से संभालेंगे। पुरानी तरह ही सभी पार्किंग ऑपरेट की जाएंगी। कांट्रेक्ट के हिसाब से ही पार्किंग रेट होंगे।
सुनील बडलाणी, डायरेक्टर, आर्य टोल इंफ्रा लि.।