पार्किंग में जगह नहीं, फिर भी ठूंसी जा रही गाड़ियां
शहर की पार्किंग फुल हैं, फिर भी गाड़ियों को उनमें ठूंसा जा रहा है। पार्किंग एग्जिट वे में भी कारों की पार्किंग हो रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर की पार्किंग फुल हैं, फिर भी गाड़ियों को उनमें ठूंसा जा रहा है। पार्किंग एग्जिट वे में भी कारों की पार्किंग हो रही है। जिससे कार को निकालते समय यह साथ खड़ी गाड़ियों से टकरा जाती है। अपना काम करने के बाद जब कोई व्यक्ति वापस गाड़ी लेने लौटता है, तो उसमें डेंट पड़ा मिलता है। इस डेंट की जिम्मेदारी न पार्किंग इंप्लाइज लेते हैं और जिसकी गाड़ी से डेंट पड़ा, इसका भी पता नहीं चलता है। रोजाना इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। कई लोग तो गाड़ी का नुकसान होने के बाद मन मसोसकर ही चले जाते हैं। स्मार्ट पार्किंग के नाम पर कोरी लूट हो रही है। आर्य टोल इंफ्रा लि. कंपनी केवल कमाई करने में जुटी है। पार्किंग में सुविधाओं से उसका कोई लेनादेना नहीं है। रास्ते में 20 से अधिक गाड़ियां क्यों
सोमवार को दैनिक जागरण टीम ने शहर की कई पार्किंग का जायजा लिया तो ऐसे ही हालात मिले। सेक्टर-8 में एससीओ के सामने बनी पार्किंग में गाड़ियां पार्क करने का कोई स्पेस खाली नहीं था। बावजूद इसके गाड़ियों को अंदर कर पर्चियां काटी गई। फिर चाहे कार पार्क करने की जगह मिले या नहीं। कई गाड़ियां रास्ते में ही लगी मिली। दोनों साइड कार पार्किंग फुल होने के बाद 20 से अधिक गाड़ियां बीच रास्ते में ही खड़ी मिली। जहां कार पार्किंग के निशान नहीं लगे, वहां भी पार्क कराई जा रही हैं। टू व्हीलर पार्किंग में भी कई गाड़ियां मिली। बैंक स्क्वेयर में तो हाल-बेहाल
सेक्टर-17 स्थित बैंक स्क्वेयर पार्किंग का हाल तो इससे भी बुरा था। यहां तो जगह-जगह बेतरतीब गाड़ियां पार्क मिली। जिस कारण दिन में कई बार जाम की स्थिति बनी रही। इससे लोगों का काफी समय जाया हो जाता है। बैंक स्क्वेयर की पार्किंग में रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना रहता है। लेकिन पार्किंग में स्पेस की खासी दिक्कत रही है। पार्किंग में कहीं भी 50 मीटर पर इंप्लाइज नहीं दिखता। जिस कारण लोग अपनी मर्जी से कार पार्क कर चले जाते हैं। कमिश्नर से की दोगुनी पार्किंग फीस वसूलने की शिकायत
सेक्टर-22 शास्त्री मार्केट में रविवार को कार पार्किंग फीस 20 की जगह 40 रुपये वसूलने का मामला सामने आया था। जिसके बाद सोमवार को मार्केट प्रतिनिधिमंडल ने एमसी कमिश्नर केके यादव से इसकी शिकायत की। मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि पार्किंग में लोगों से अवैध वसूली होती है। जगह नहीं होने के बाद भी गाड़ियां पार्क करवाई जाती हैं। कई बार तो सिर्फ गाड़ी की फोटो खींचकर ही ऑनलाइन फीस कटने की बात कही जाती है।