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चंडीगढ़ में फीस को लेकर पेरेंट्स और प्राइवेट स्कूल आमने-सामने, अभिभावक बोले- पूरी फीस तभी जब खुलेंगे स्कूल

चंडीगढ़ में प्राइवेट स्कूलों द्वारा बढ़ाई जा रही फीस को लेकर पेरेंट्स और प्राइवेट स्कूल आमने सामने हैं। प्राइवेट स्कूल अभिभावकों की मांग है कि स्कूल पूरी फीस तभी लें जब स्कूल पूरी तरह से शुरू हो जाएं। जब तक ऑनलाइन पढ़ाई होती है तब तक ट्यूशन फीस ली जाए।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 01:44 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 01:44 PM (IST)
चंडीगढ़ में फीस को लेकर पेरेंट्स और प्राइवेट स्कूल आमने-सामने, अभिभावक बोले- पूरी फीस तभी जब खुलेंगे स्कूल
अभिभावक बोले- पूरी फीस तभी जब खुलेंगे स्कूल।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोरोना महामारी के बीच शहर के स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। लेकिन शहर के स्कूल खुलेंगे या कब खुलेंगे इस बात की अभी किसी को भी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की तरफ से फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है, जो नियम के मुताबिक हर साल की जाती है। अब पेरेंट्स और प्राइवेट स्कूल आमने सामने हैं। प्राइवेट स्कूल अभिभावकों की मांग है कि स्कूल पूरी फीस तभी लें जब स्कूल पूरी तरह से शुरू हो जाएं। जब तक स्कूल नहीं खुलते और ऑनलाइन पढ़ाई होती है तो सिर्फ ट्यूशन फीस की लेनी चाहिए और फीस को भी न बढ़ाया जाए।

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वहीं शहर के प्राइवेट स्कूल प्रबंधन का तर्क है कि फीस को तभी कम किया जा सकता है, जब चंडीगढ़ शिक्षा विभाग हस्तक्षेप करता हुआ आदेश जारी करेगा। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की पढ़ाई बीच में फंस चुकी है। बिना फीस के स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास नहीं लगेगी और उसका खामियाजा भी स्टूडेंट्स को भी आने वाले समय में भुगतना होगा।

यह है मामला

मार्च 2020 में कोरोना महामारी के बाद से शहर के सभी 75 प्राइवेट स्कूल बंद हो गए। स्कूलों के बंद होने के बाद पढ़ाई ऑनलाइन शुरू हो गई। ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिए कि जब तक ऑफलाइन क्लास नहीं लगती उस समय तक अन्य चार्ज को छोड़कर सिर्फ ट्यूशन फीस ली जाए। यह फीस सभी प्राइवेट स्कूल मार्च 2021 तक लेते भी रहे हैं। उसके बाद प्राइवेट स्कूल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आगे रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान क्लियर किया था कि पढ़ाई हाेगी तो फीस तो देनी ही होगी। उसी के आधार पर अप्रैल 2021 से शुरू हुए सत्र में स्कूलों ने फीस को पूरा लेने का निर्णय ले लिया।

आठ प्रतिशत बढ़ाई फीस

प्राइवेट स्कूल हर साल फीस बढ़ाते हैं। अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी के चलते प्राइवेट स्कूलों ने फीस को नहीं बढ़ाया था, लेकिन अप्रैल 2021 से शुरू हुए सत्र में पांच से आठ और कुछ स्कूलों ने दस प्रतिशत तक भी फीस बढ़ा दी है। जिस पर अभिभावकों को कहना है कि फीस को बढ़ाया न जाए। स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जा रहे जिसके चलते वह न तो वह स्कूल का इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं और न ही कंप्यूटर चला रहे है। 

शिक्षा विभाग के हस्तक्षेप के बाद कम करने पर होगा विचार

अभिभावकों की मांग के बाद शहर के प्राइवेट स्कूल भी क्लियर कर रहे हैं कि इस साल फीस तो बढ़ेगी। यदि फीस कम करनी है तो चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को हस्तक्षेप करना होगा। जब तक शिक्षा विभाग आदेश नहीं देता उस समय तक फीस को कम करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

शिक्षा विभाग ने साधी चुप्पी

एक तरफ प्राइवेट स्कूल प्रशासन और अभिभावकों के बीच खींचतान चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने चुप्पी साध रखी है। फीस के मामले में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन 26 मार्च 2021 को हस्तक्षेप करने के लिए अपील कर चुका है, लेकिन विभाग की तरफ से अभी तक कोई भी रिस्पांस नहीं किया है।


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