म्यूजिक के लिए पापा ने किया शहर शिफ्ट
हरसिमरन 12वीं कक्षा की छात्रा हैं।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : जुगनी को गाकर जहां पर पंजाबी संगीत को ¨जदा करने की कोशिश हुई है, वहीं, इस संगीत को नेशनल लेवल पर लाने का भी प्रयास किया है गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-18 की छात्रा हरसिमरन जोत कौर ने। हरसिमरन 12वीं कक्षा की छात्रा हैं। जिन्होंने जुगनी गाकर एक बार फिर से पंजाबी संगीत की धाक साबित की है। दैनिक जागरण से बात करते हुए हरसिमरन ने बताया कि मैं खुद एक ¨सगर बनना चाहती थी। मेरे सपने को पूरा करने के लिए पापा शहर आए हैं और अभी घर को चलाने के लिए गुरुद्वारा नाडा साहिब में कीर्तन का काम करते हैं। कला उत्सव में भाग लेकर जब मैंने नेशनल अवॉर्ड हासिल किया, तो सबसे ज्यादा खुशी मेरे पापा को हुई। दिल्ली में आयोजित हुए नेशनल कला उत्सव में हरसिमरन जोत कौर ने जुगनी गाकर पहला स्थान हासिल किया। कीरतपुर साहिब से हैं होनहार
हरसिमरन ने बताया कि हम पहले पंजाब के कीरतपुर साहिब में रहते थे। उस समय पापा मोहाली के फेज-8 में कीर्तन करते थे। उसके बाद पापा ने माछीवाड़ा में भी काम किया, लेकिन जब मैंने दसवीं पास की, तो पापा मुझे शहर लेकर आ गए। अभी मैं इस स्कूल में पढ़ रही हूं और पापा मेरा पूरा साथ दे रहे हैं। बड़ी बहन को देख शुरू किया गाना
हरसिमरन ने बताया कि पापा खुद कीर्तन करते थे। जिसके कारण उन्होंने पहले बड़ी बहन इमानतप्रीत कौर को संगीत सिखाया। अब जब दीदी गाती हैं, तो मैं उससे सीखती हूं और गाती हूं। स्कूल में मुझे ¨प्रसिपल राजबाला और म्यूजिक टीचर ने भी बहुत सहयोग दिया है। जुगनी को तैयार करने के लिए जितनी मेहनत मैंने खुद की है, उतनी ही तैयारी मुझे मेरे स्कूल से भी मिली है। टॉप-12 में बना चुकी हैं जगह
हरसिमरन वॉयस ऑफ पंजाब के टॉप 12 में रह चुकी हैं। इसके अलावा राइ¨जग स्टार के लिए भी ऑडिशन दे रही हैं। हरसिमरन ने बताया कि पंजाबी म्यूजिक के अलावा गजल गाने का शौक है, जिसके लिए गुलाम अली को सबसे ज्यादा सुनती हूं। इसके अलावा रोजाना रियाज भी करती हूं, जिसका फायदा मुझे मुकाबलों में मिलता है।