कैप्टन दरबार में पहुंचा कॉलेज व यूनिवर्सिटी शिक्षकों के वेतन का मामला
पंजाब यूनिवर्सिटी और पंजाब राज्य की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में यूजीसी के सातवें पे स्केल को लागू किए जाने की मांग को लेकर बीते दस दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों को अगले हफ्ते खुशखबरी मिल सकती है।
डा. सुमित सिंह श्योराण , चंडीगढ़
पंजाब यूनिवर्सिटी और पंजाब राज्य की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में यूजीसी के सातवें पे स्केल को लागू किए जाने की मांग को लेकर बीते दस दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों को अगले हफ्ते खुशखबरी मिल सकती है। पूरे पंजाब में शिक्षकों के विरोध को देखते हुए पंजाब सरकार ने अब मामले में गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के दरबार तक पहुंच चुका है। शिक्षकों से जुड़े इस मामले को लेकर चार सदस्यों की कमेटी तक गठित कर दी गई है। जोकि पूरे मामले पर अपनी रिपोर्ट पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को इसी हफ्ते सौंप देगी। पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन(पुटा) और पीपैक्टो के वेतन बढ़ोतरी के मांग पत्र पर गंभीरता से मंथन शुरू हो गया है। सब सही रहा तो अगले हफ्ते तक शिक्षकों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। मामले को लेकर आगामी 20 सितंबर को हाईपावर कमेटी मुख्यमंत्री के सामने पूरे मामले की रिपोर्ट देगी। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए पंजाब सरकार मामले में तुरंत कोई फैसला ले सकती है। यूजीसी के सातवें वेतनमान को लेकर इस समय 25 हजार से अधिक शिक्षक विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। गेस्ट और कांट्रेक्ट शिक्षकों का वेतन होगा दोगुना
पीयू और पंजाब की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज शिक्षक यूजीसी सातवें पे स्केल को लागू करने के लिए बीते लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। रेगुलर के साथ ही सैकड़ों कांट्रेक्ट और गेस्ट शिक्षकों को भी नया वेतनमान लागू नहीं होने से आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा है। कालेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर गेस्ट और कांट्रेक्ट लेवल पर 25 हजार वेतन पाने वाले शिक्षकों को संशोधित वेतनमान के बाद 55 हजार से अधिक वेतनमान मिलने लगेगा। गेस्ट लेक्चर की राशि भी 1000 से बढ़कर 1500 तक हो जाएगी। रेगुलर शिक्षकों के वेतन में भी 10 से 15 हजार तक बढ़ोतरी होनी तय है। शिक्षकों के शक्ति प्रदर्शन से बैकफुट पर सरकार
यूजीसी के सातवें पे स्कैल लागू करने को लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ ही पीफैक्टो और पंजाब राज्य की सभी टीचर्स एसोसिएशन एकजुट हो गई हैं। तीन सितंबर को सेक्टर-25 रैली ग्राउंड में पूरे पंजाब से हजारों की संख्या में कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे थे। शिक्षक दिवस से पूरे पंजाब में शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पीयू कैंपस सहित सभी यूनिवर्सिटी और कालेजों में स्टॉफ क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शिक्षकों की एकजुटता के बाद अब पंजाब सरकार भी मामले में जल्द समझौते की तरफ कदम बढ़ाने को मजबूर है। शिक्षकों का कहना है कि अब तभी धरने से हटेंगे जब उनकी मांगे मान ली जाएंगी। सरकार से शिक्षक सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं। लंबे समय से शिक्षक इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। कैप्टन सरकार से मामले में जल्द अच्छी खबर की उम्मीद जगी है।
- डा.मृत्युंजय कुमार, प्रेसिडेंट पुटा पंजाब यूनिवर्सिटी । शिक्षकों को मजबूरी में सड़कों पर उतरना पड़ा है। देश के अधिकतर राज्यों में सातवां पे स्केल शिक्षकों को मिल चुका है। पंजाब सरकार जब तक मामले में कोई फैसला नहीं लेती शिक्षक मांगों के लिए लड़ते रहेंगे।
- डा.जगवंत सिंह, सेक्रेटरी पीफैक्टो पंजाब