कैप्टन अमरिंदर ने कहा, करतारपुर मामले में पाकिस्तान का रुख अपर्याप्त व निराशाजनक
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर पाकिस्तान के रुख को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पाक की हामी अपर्याप्त है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर पर भारत और पाकिस्तान के शिष्टमंडलों की पहली बैठक में पाकिस्तान के रवैये को अपर्याप्त बताया है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर पाकिस्तान की हामी अपर्याप्त व निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि सरहद के पार ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होने के लिए श्रद्धालुओं के हितों के मद्देनजर भारतीय मांग के प्रति पाकिस्तान को और ज्यादा जवाबदेह होना चाहिए।
कहा, भारतीय मांग के प्रति पाक को और ज्यादा जवाबदेह होना चाहिए
अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस कॉरिडोर के उद्देश्यों को शांतिपूर्वक अमल में लाने के लिए पड़ोसी देश को अपने रवैये पर पुन: विचार करना चाहिए। इस प्रोजेक्ट पर दोनों देशों की तरफ से आगे बढऩा अच्छी बात है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा रोजाना 500 श्रद्धालुओं को आज्ञा देने का प्रस्ताव श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या को देखते हुए उपयुक्त नहीं है।
कैप्टन ने श्रद्धालुओं को वीज़ा मुक्त खुले दर्शन करने देने की मांग दोहराई है। यह दर्शन हफ्ते के सातों दिन हो और शिनाख्त के लिए विशेष परमिट काफ़ी होना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को इस संबंध में वास्तविकता अपनाने के लिए कहा है जिससे करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने की इच्छा रखने वाले किसी भी श्रद्धालु को वंचित न रहना पड़े। सिख भाईचारे के सम्मान के तौर पर पाकिस्तान को इस संबंध में और लचीला रवैया अपनाने की जरूरत है।
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करतारपुर साहिब मामले में पाक का दोहरा चरित्र बेनकाब : मलिक
दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक ने कहा कि करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र बेनकाब हो गया है। एक तरफ पाकिस्तान की सरकार करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अपना चेहरा उजागर कर रही है वहीं, देश में कांग्र्रेस के कई नेता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बोली बोल रहे हैैं। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू तो इमरान खान के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
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मलिक ने कहा कि पाक गुरुद्वारे तक अबाधित प्रवेश देने पर मुकर गया है। उसने गुरुद्वारे के दर्शन के लिए केवल सिखों को जाने की इजाजत देने की बात कही है, जबकि गुरु नानक देव जी को मानने वाले दुनिया भर में हैं। भारत सरकार ने आम दिनों में पांच हजार श्रद्धालुओं और विशेष दिन में 15 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन पाकिस्तान मात्र 500 श्रद्धालुओं की बात को मान रहा है।
उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की जमीन को महाराजा रंजीत सिंह व सिख श्रद्धालुओं ने दान में दिया था। 70 वर्षों तक पाकिस्तान ने श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे के दर्शन करने से वंचित रखा और अब गुरुद्वारे की जमीन पर हुए अतिक्रमण को भी वैध कर दिया है।
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