Move to Jagran APP

ऑडिट और एजुकेशन से 25 फीसद घटी मेडिकल आक्सीजन की खपत

ऑक्सीजन ऑडिट के बाद अस्पतालों में खपत 20-25 फीसद तक घट गई है। पहले चंडीगढ़ को रोजाना आवंटित 20 मीट्रिक टन कोटा भी कम पड़ने लगा था। केंद्र सरकार से और ऑक्सीजन की डिमांड हो रही थी लेकिन ऑडिट के बाद सभी स्तर पर लीकेज बंद होने से खपत घट गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 11:31 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 11:31 PM (IST)
ऑडिट और एजुकेशन से 25 फीसद घटी मेडिकल आक्सीजन की खपत
ऑडिट और एजुकेशन से 25 फीसद घटी मेडिकल आक्सीजन की खपत

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ऑक्सीजन ऑडिट के बाद अस्पतालों में खपत 20-25 फीसद तक घट गई है। पहले चंडीगढ़ को रोजाना आवंटित 20 मीट्रिक टन कोटा भी कम पड़ने लगा था। केंद्र सरकार से और ऑक्सीजन की डिमांड हो रही थी, लेकिन ऑडिट के बाद सभी स्तर पर लीकेज बंद होने से खपत घट गई है। यह चौंकाने वाली जानकारी ऑडिट टीम के रिपोर्ट सबमिट करने के बाद सामने आई है। कोरोना की दूसरी लहर पीक पर होने के दौरान अप्रैल के आखिर से ही ऑक्सीजन की मारामारी शुरू हो गई थी। इस बीच ऑक्सीजन सप्लाई नोडल अधिकारी कम सीएचबी सीईओ यशपाल गर्ग ने ऑक्सीजन ऑडिट के आदेश दिए थे। साथ ही पीसीएस जगजीत सिंह की अगुवाई में मेडिकल एक्सपर्ट डा. मनजीत सिंह, डा. मनप्रीत सिंह की टीम गठित कर प्राइवेट, गवर्नमेंट हॉस्पिटल और मिनी कोविड केयर सेंटर में पहुंचकर इंस्पेक्शन, एजुकेशन और सेनिटाइज के आदेश दिए थे। इस दौरान टीम ने प्राइवेट, गवर्नमेंट हॉस्पिटल और मिनी कोविड केयर सेंटर विजिट कर स्टाफ को ट्रेनिग भी दी थी।

loksabha election banner

इस वजह से घटी खपत

वेस्टेज को चैक किया गया

पाइपलाइन की मेंटेनेंस

पेशेंट को सही प्रैशर से ऑक्सीजन दी गई

सही उपकरणों का इस्तेमाल किया गया सात प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल की रिपोर्ट

12 से 14 मई तक कमेटी ने सात कोविड हॉस्पिटल का दौरा किया। इस दौरान इन अस्पतालों में खपत 30 से 140 सिलेंडर डेली थी। 18-60 बेड ऑक्यूपाई थे। हॉस्पिटल स्टाफ को कमेटी ने सही इस्तेमाल के लिए एजुकेट किया। लाइव डेमोंस्ट्रेशन दिए गए। हॉस्पिटल अथोरिटी को डेली आक्सीजन स्टॉक के ऑडिट, कंजप्शन की डेली रिपोर्टिंग के आदेश दिए गए। ट्रेनिग और लीकेज बंद होने के बाद खपत 30 से 40 फीसद तक इन अस्पतालों में कम हो गई।

गवर्नमेंट हॉस्पिटल-16

कमेटी विजिट से पहले डेली ऑक्सीजन पेशेंट 203 तक थे। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 2900 लीटर तक थी। ट्रेनिग और ऑडिट के बाद खपत कम होकर 2000 लीटर तक आ गई। इसी तरह से जीएमसीएच-32 में रोजाना 12 किलोलीटर और सेक्टर-48 हॉस्पिटल तीन किलोलीटर खपत थी। ट्रेनिग और ऑडिट के बाद जीएमसीएच-32 में खपत दो किलोलीटर तक कम हो गई। सेक्टर-48 में 0.5 से 0.7 किलोलीटर खपत कम हो गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.