आर्गेनिक खेती ने महिलाओं के लिए खोले रोजगार के नए अवसर : मेनका
आर्गेनिक खेती को बेहतर ढंग से प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार बड़े स्तर पर प्रयास कर रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : देश में आर्गेनिक खेती को बेहतर ढंग से प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार बड़े स्तर पर प्रयास कर रही है। खास तौर पर महिलाओं के लिए आर्गेनिक खेती आय का अच्छा स्त्रोत बन रही है। महिलाओं को आर्गेनिक खेती करने के लिए हरसंभव मदद और ट्रे¨नग की भी व्यवस्था की जा रही है। ये विचार चंडीगढ़ स्थित लेजर वैली में आयोजित तीन दिवसीय आर्गेनिक फेस्टिवल में पहुंचीं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने रखे। मेनका ने कहा कि आर्गेनिक खेती का बीते कुछ सालों से तेजी से प्रचलन बढ़ा है। आर्गेनिक खेती को प्रमोट करने के लिए 2015 में दिल्ली में भारतीय महिला जैविक उत्सव की शुरुआत की थी, जिसके बाद इसे चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद समेत देश के छह राज्यों में आयोजन किया जाएगा। आर्गेनिक खेती को स्टार्टअप के तौर पर भी शुरू करेंगे
मेनका गांधी ने कहा कि आर्गेनिक खेती को स्टार्टअप के तौर पर भी शुरू किया जा रहा है। चंडीगढ़ में हुए आर्गेनिक फेस्टिवल को मेनका गांधी ने एक नई शुरुआत बताया। मौके पर चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर भी मौजूद रहीं। मेनका गांधी ने फेस्टिवल में गुड़ और जीरे से बने बिस्किट, आर्गेनिक तरीके से तैयार किए गए ब्रैड और कई तरह के खाद्य पदार्थ भी खरीदे। 200 महिलाओं ने पेश किए स्टाल
मेले में देशभर से 200 महिला उद्यमियों तथा किसानों के 72 स्टाल लगाए गए, जिनमें 1000 से अधिक जैविक उत्पाद-जिनमें वस्त्र, आरोग्य, अनाज, बीज, आभूषण, बेकरी उत्पाद रखे गए थे। चंडीगढ़ में महिलाओं का अच्छा रिस्पांस
मेनका गांधी ने कहा कि महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा देख मुझे काफी खुशी है। लेकिन आर्गेनिक खेती में सबका योग्दान जरूरी है। उन्होंने कहा कि आर्गेनिक खेती महिलाओं के रोजगार को बेहतर अवसर देती है। आर्गेनिक खेती सेहत के लिए भी बहुत जरूरी है, साथ ही आय का भी अच्छा साधन है। लेकिन अभी भी आर्गेनिक खेती और उनसे बने प्रोडक्ट्स को काफी मार्केट की जरूरत है। जिससे महिलाएं अपने परिवार को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में योगदान दे सकें। शोषण की शिकार हुई, फिर भी हौसले से बनाया बिजनेस वूमेन
वूमेन आर्गेनिक फेस्टिवल में उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले के रामनगर गांव से पहुंचीं शशि कला अपने साथ वेजयंती माला, जल कुम्हीं से बने पर्स, कैप और अन्य लेकर आई। शशि कला ने बताया कि उनके गांव में महिलाओं को घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। एक दिन गांव में आकर एक एनजीओ ने केंचुए की खाद बनाने की विधि बताई। मैंने उसे सीखने की इच्छा जताई, लेकिन पूरे परिवार ने विरोध किया। लेकिन फिर भी केंचुए की खाद बनाना सीखा और उसका उपयोग अपने खेत में किया। तब से खेत में काफी बेहतर फसल होने लगी। तब लगा कि किसी भी चीज को अगर अच्छे से सीखा जाए तो उसके नतीजे काफी बेहतर हो सकते हैं। आर्गेनिक खेती के लिए सरकारी स्कीमों का लाभ उठाया, जिससे अब अच्छी इनकम हो रही है, जिससे घर का खर्च खुद ही उठा रही हूं। राफेल पर नहीं बोलीं मेनका गांधी
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने राजनीति से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने से इन्कार कर दिया। कांग्रेस के राफेल डील मामले में भी उन्होंने कोई कमेंट करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि जो भी महिला खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं, उन्हें सरकार की तरफ से वित्तीय और ट्रे¨नग जैसी सभी सुविधाएं आसानी से दी जाएंगी।