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हाई कोर्ट के केंद्र, हरियाणा व पंजाब को आदेश, पीजीआइ को उपलब्ध कराएं सुविधाएं

पीजीआइ उत्तर भारत का एक प्रमुख अस्पताल है जो गंभीर मरीजों की सबसे बड़ी आस है लिहाजा पंजाब हरियाणा चंडीगढ़ और केंद्र सरकार प्रत्येक संभव कदम उठाए की पीजीआइ में स्वास्थ्य सुविधाओं का कोई अभाव न आने दिया जाएं।

By Edited By: Published: Thu, 13 May 2021 06:34 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 11:38 AM (IST)
हाई कोर्ट के केंद्र, हरियाणा व पंजाब को आदेश, पीजीआइ को उपलब्ध कराएं सुविधाएं
चंडीगढ़ पीजीआइ उत्तर भारत का एक प्रमुख अस्पताल है।

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ पीजीआइ उत्तर भारत का एक प्रमुख अस्पताल है जो गंभीर मरीजों की सबसे बड़ी आस है लिहाजा, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और केंद्र सरकार प्रत्येक संभव कदम उठाए की पीजीआइ में स्वास्थ्य सुविधाओं का कोई अभाव न आने दिया जाए। हाई कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है और यह सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं दें और मौजूदा हालत में नागरिकों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, ताकि प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य का मौलिक अधिकार प्राप्त हो। जस्टिस राजन गुप्ता एवं जस्टिस करमजीत ¨सह की खंडपीठ ने इसके साथ ही जीएमएसएच-16 में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाए जाने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिए हैं। बुधवार को मामले की सुनवाई शुरू होते ही इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट रु¨पदर खोसला ने हाई कोर्ट को बताया कि जीएमएसएच-16 में सिर्फ 6 वेंटिलेटर ही काम कर रहे हैं और मौजूदा हालत में अस्पताल में काफी मरीज ऐसे हैं जिन्हे वेंटिलेटर की जरूरत है। ऐसे में इस अस्पताल में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि प्रत्येक जरूरतमंद को इसकी सुविधा दी जा सके। खोसला की दी गई इसी जानकारी पर हाई कोर्ट ने अब केंद्र सरकार को अस्पताल में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाए जाने के आदेश दे दिए हैं। चंडीगढ़ के सीनियर स्टें¨डग काउंसिल पंकज जैन ने हाई कोर्ट को बताया कि सात मई के आदेशों के तहत अब ट्राईसिटी में कोरोना की रोकथाम के लिए एक संयुक्त नीति बनाए जाने का निर्णय ले लिया गया है। हाई कोर्ट को बताया गया कि एक यूनिफाइड कमांड केंद्र बना दिया गया है। जिसमें चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के डीसी सप्ताह में दो बार वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिए बैठक करेंगे और संयुक्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर गत दिवस चंडीगढ़ के प्रशासक ने पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की। यह तय किया गया कि ट्राईसिटी में जहां कहीं भी आक्सीजन, वेंटिलेटर्स, दवाओं आदि की कमी आएगी तत्काल एक-दूसरे से संपर्क कर इस कमी को दूर किया जाएगा। इसके साथ ही पीजीआइ के लिए पांच मीट्रिक टन अतिरिक्त आक्सीजन का कोटा बढ़ाए जाने की भी मांग की गई है। निजी अस्पताल कर रहे जरूरत से ज्यादा आक्सीजन इस्तेमाल चंडीगढ़ प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि शहर के निजी अस्पतालों में जरूरत से ज्यादा आक्सीजन के इस्तेमाल किए जाने की शिकायतें आई हैं। हाई कोर्ट को बताया कि इन अस्पतालों में उतने ही मरीज हैं, जितने की दूसरे अस्पतालों में और आक्सीजन पर मरीजों की संख्या भी बराबर है। बावजूद इसके इन अस्पतालों में प्रतिदिन 400 आक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल हो रहा हैं, जबकि दूसरे अस्पतालों में इतने ही मरीजों पर सिर्फ 90 आक्सीजन सिलेंडर लग रहे हैं। अब इसकी जांच शुरू कर दी गई है, अगर वह दोषी पाए गए तो इन निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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