शिक्षा मंत्री का आदेश, 15 दिन में दो वर्दियां, डीजीएसई बोले- डेढ़ माह लगेगा
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को वर्दियां देने में हो रही देरी पर शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने अफसरों का कड़ी फटकार लगाई है।
चंडीगढ़ [निर्मल सिंह मानशाहिया]। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को वर्दियां देने में हो रही देरी पर शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने अफसरों का कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने 15 दिन में स्कूलों में वर्दियां देने के आदेश दिए हैं। वहीं, डायरेक्टर जनरल स्कूल शिक्षा (डीजीएसई) प्रशांत कुमार ने कहा, 'उम्मीद है कि अगले डेढ़ महीने तक वर्दियां स्कूलों में पहुंच जाएंगी।'
सोनी ने देरी पर शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार और डीजीएसई प्रशांत कुमार से जवाब तलब किया है। वहीं, दोनों अफसरों के बीच खींचतान का मामला भी सीएम ऑफिस पहुंच गया है। अफसरों को लिखे पत्र में सोनी ने कहा है कि समय पर फैसला न लेने व आपसी खींचतान के चलते सरकार को बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है। जब विभाग के पास 90 करोड़ रुपये का फंड मौजूद है तो वर्दियां खरीदने में देरी क्यों हुई। यदि केंद्रीय स्कीमों व पंजाब सरकार की तरफ से दी जाती ग्रांट लैप्स हुई, तो इसके लिए शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। वहीं, सूत्रों के अनुसार मंत्री के साथ हुई मीटिंग में शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि जनवरी के अंत तक वर्दियां खरीदने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
फंड मिलने में देरी से अटकी खरीद: डीजीएई
डायरेक्टर जनरल स्कूल शिक्षा (डीजीएसई) प्रशांत कुमार का कहना है कि वर्दियों की खरीद का काम फंडों में देरी कारण अटका है। ज्यादातर मौजूदा फंड में से सर्व शिक्षा अभियान व अन्य केंद्रीय स्कीमों के मुलाजिमों की तनख्वाह में खर्च हो जाता है। केंद्रीय बजट के फंड का 40 फीसद हिस्सा अभी बकाया है।
वर्दियों की खरीद में कोई भ्रष्टाचार न हो इसके लिए ग्लोबल टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। पहला टेंडर फेल होने करन दोबारा टेंडर किया गया है। जल्द प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उम्मीद है कि अगले डेढ़ महीने तक वर्दियां स्कूलों में पहुंच जाएंगी। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार के साथ खींचतान पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। वहीं, शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार से संपर्क नहीं हो सका।
वर्दी का इंतजार
- 12 लाख 75 हजार विद्यार्थी कर रहे वर्दी का इंतजार
- 600 रुपये खर्च आना है एक विद्यार्थी की वर्दी पर
- 80 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान
- 60 फीसद फंड केंद्र, जबकि 40 फीसद पंजाब सरकार देती है
- 7 लाख छात्राओं को मिलनी हैं वर्दियां
- 4.75 लाख पिछड़ी श्रेणी के लड़कों व 77,997 गरीब विद्यार्थियों को होगा लाभ