Move to Jagran APP

बिना कन्वर्जन गोदाम की जगह खोले नाइट क्लब और बीयर बार

प्रशासन ने इंडस्ट्रियल एरिया में इंडस्ट्रियल शेड या गोदाम की जगह होटल रेस्टोरेंट और बीयर बार बनाने के लिए करोड़ों रुपये कन्वर्जन फीस ली गई। मगर अफसरों की मेहरबानी से सेक्टर-7 और 26 में शोरूम की बैक साइड गोदाम की जगह 52 से अधिक नाइट क्लब और बीयर बार खुल गए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 07:44 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 07:44 PM (IST)
बिना कन्वर्जन गोदाम की जगह खोले नाइट क्लब और बीयर बार
बिना कन्वर्जन गोदाम की जगह खोले नाइट क्लब और बीयर बार

जासं, चंडीगढ़ : प्रशासन ने इंडस्ट्रियल एरिया में इंडस्ट्रियल शेड या गोदाम की जगह होटल रेस्टोरेंट और बीयर बार बनाने के लिए करोड़ों रुपये कन्वर्जन फीस ली गई। मगर अफसरों की मेहरबानी से सेक्टर-7 और 26 में शोरूम की बैक साइड गोदाम की जगह 52 से अधिक नाइट क्लब और बीयर बार खुल गए। और तो और यहां डिस्क और बीयर बार के लिए कोई कन्वर्जन फीस नहीं ली गई। इससे प्रशासन को अब तक 50 करोड़ रुपये से अधिक का रेवेन्यू लॉस हो चुका है। किसी भी अफसर की जिम्मेदारी आज तक तय नहीं की गई। साइट की मंजूरी में ही गड़बड़ी

loksabha election banner

चंडीगढ़ के बिल्डिग बायलॉज के अनुसार अलॉट की गई साइट पर वही कार्य किया जा सकता है, जिसके लिए अलाटमेंट हुई हो। सेक्टर-7 और 26 में जिस जगह पर डिस्क और बीयर बार खुले हैं, वह जगह गोदाम के लिए आरक्षित है। यहां पर अधिकांश मार्बल और टाइल्स के गोदाम थे। बिना कन्वर्जन फीस दिए यहां कोई अन्य एक्टिविटी नहीं की जा सकती। हालत यह है कि सेक्टर-7 और 26 में चुनिदा शोरूम को छोड़ अन्य के बैकसाइड गोदाम को तोड़कर अफसरों की शह पर डिस्कोथेक और नाइट क्लब बना दिए गए हैं। देर रात तक यहां पार्टियों का आयोजन होता है। एक की कन्वर्जन फीस 90 लाख रुपये

प्रशासन ने इंडस्ट्रियल एरिया में इंडस्ट्रियल शेड की कन्वर्जन फीस 20 हजार रुपये तथा 29 हजार रुपये प्रति वर्ग गज ली थी। सेक्टर-7 और 26 में एक शोरूम के बैक साइड का एरिया 300 वर्ग गज का है। ऐसे में एक शोरूम के गोदाम की कन्वर्जन फीस ही 90 लाख रुपये बन जाती है। इस एरिया में 50 से अधिक डिस्को और बीयर बार खुले हैं। ऐसे में प्रशासन को बिना कन्वर्जन इस प्रकार की एक्टिविटी से 40 से 50 करोड़ रुपये का रेवेन्यू लॉस हुआ है। किसी की जिम्मेदारी तय नहीं

इस एरिया में अभी भी लगातार कंस्ट्रक्शन जारी है, लेकिन प्रशासन के अफसर सोए हुए हैं। किसी भी अफसर की जिम्मेदारी तय नहीं की गई। रेजिडेंशियल इलाकों में मामूली से फेरबदल पर वायलेशन के नोटिस देने वाला प्रशासन यहां चुप्पी साधे बैठा है। बिल्डिग प्लान से लेकर फायर के एनओसी तथा एक्साइज का लाइसेंस तक आंखें मूंदकर जारी कर दिया गया है। विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, जो लोग अवैध निर्माण कर रहे हैं, एस्टेट आफिस की टीम वहां जाकर निर्माण कार्य रुकवा चुकी है। इस प्रकार के जहां भी अवैध निर्माण हो रहे हैं, उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

- हरजीत सिंह संधू, असिस्टेंट इस्टेट आफिसर, चंडीगढ़ प्रशासन। विभाग अपनी जांच कर रहा है, जांच पूरी होने के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी। तब तक सभी अवैध निर्माण को रुकवा दिया गया है।

- विनय प्रताप सिंह, डीसी, चंडीगढ़।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.